संत जोसेफ स्कूल के प्रिंसिपल पर गोलीबारी: 48 घंटे में दो आरोपी गिरफ्तार

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बिहारशरीफ के प्रतिष्ठित संत जोसेफ स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. जोसेफ टीटी पर 16 जनवरी की रात हुई गोलीबारी की घटना का नालंदा पुलिस ने 48 घंटे के भीतर उद्भेदन कर लिया। रविवार को एसपी भारत सोनी ने एक प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि इस मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

घटना का विवरण:

यह हमला एनएच-20 के पास मां भवानी होटल के सामने हुआ था। डॉ. जोसेफ पर गोलीबारी की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ बिहारशरीफ के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। टीम में दीपनगर, लहेरी, सोहसराय, महिला थाना और जिला आसूचना इकाई के अधिकारी शामिल थे। वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के माध्यम से पुलिस ने इस घटना को सुलझाने में सफलता पाई।

गिरफ्तार आरोपी:

पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से एक स्वीफ्ट डिजायर गाड़ी (नंबर BR21K/5940), एक जिंदा कारतूस (7.65mm), और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

घटना का कारण:

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले के पीछे दो साल पुरानी एक घटना का बदला लेने की भावना थी। डॉ. जोसेफ ने अनुशासनहीनता के कारण एक छात्र को स्कूल से निष्कासित कर दिया था। उसी छात्र ने बदले की भावना से अपराधियों के साथ मिलकर इस हमले की योजना बनाई।

जांच प्रक्रिया:

पुलिस ने इस घटना की तह तक जाने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान का सहारा लिया। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, और अपराधियों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच की गई। अपराधियों के पास से मिले साक्ष्य और उनके आपराधिक इतिहास के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई।

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अन्य आरोपियों की तलाश:

पुलिस ने बताया कि इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। घटना में प्रयुक्त अन्य हथियारों और संभावित साजिशकर्ताओं की तलाश की जा रही है।

एसपी का बयान:

एसपी भारत सोनी ने बताया कि पुलिस टीम की तत्परता और सामूहिक प्रयास के कारण इस घटना का शीघ्र समाधान हो सका। उन्होंने कहा कि घटना से संबंधित अन्य जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द ही इसमें शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

समाज पर असर:

इस घटना ने शिक्षा जगत और समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक प्रतिष्ठित प्रिंसिपल पर इस प्रकार का हमला यह दर्शाता है कि किस तरह अनुशासन और मूल्यों की रक्षा करने वाले शिक्षक भी असुरक्षित हैं। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई ने समाज में विश्वास बहाल किया है।

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अपराध चाहे कितना भी सुनियोजित क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। नालंदा पुलिस की तत्परता और कुशलता ने इस घटना को 48 घंटे में सुलझाकर एक मिसाल कायम की है।

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