बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ की बैठक राजगीर में संपन्न, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर जोर

बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के बिहार-झारखंड प्रमंडल के निदेशक बोर्ड के सदस्यों की बैठक राजगीर के होटल सिद्धार्थ में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रयाग साहनी ने की। इस बैठक में बिहार और झारखंड के निदेशक बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया और मत्स्य पालन एवं सहकारी समितियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक की मुख्य चर्चा
अध्यक्ष प्रयाग साहनी ने बताया कि यह बैठक सफल रही और मत्स्य पालन एवं सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बोर्ड के प्रबंध निदेशक (एमडी) ऋषिकेश कश्यप ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के सुचारू संचालन, बिहार और झारखंड के मछुआरों के हितों को सुरक्षित रखना और उनकी समस्याओं को हल करना था। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से मिलकर मछुआरों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।
सदस्यों ने रखी अपनी समस्याएं
बैठक के दौरान निदेशक बोर्ड के सभी सदस्यों ने बारी-बारी से अपनी समस्याएं रखीं और मत्स्य पालन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

मोहनपुर मत्स्य हैचरी का दौरा
बैठक के बाद निदेशक बोर्ड के सदस्यों ने नालंदा के मोहनपुर मत्स्य हैचरी का दौरा किया। वहां उन्होंने हैचरी प्रबंधन के साथ विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की, जिसमें शामिल थे:
तालाब की तैयारी और जलीय पौधों की सफाई
खाऊ मछलियों का उन्मूलन
जीरा (मत्स्य बीज) का संचय और उसकी मात्रा
खाद का प्रयोग, कृत्रिम भोजन, और दवा का छिड़काव
मछलियों का रखरखाव और मत्स्य बीज उत्पादन
बायोफ्लॉक विधि के तहत कम जगह में अधिक लाभकारी मछली पालन की प्रक्रिया।

नीली क्रांति की ओर तेजी से बढ़ते किसान
मोहनपुर मत्स्य हैचरी के संचालक और बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड, पटना प्रमंडल के निदेशक एवं बोर्ड के सदस्य शिवनंदन प्रसाद उर्फ शिव जी ने बताया कि हरित और श्वेत क्रांति के बाद अब बिहार और झारखंड के किसान नीली क्रांति के तहत मत्स्य पालन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को मत्स्य पालन के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं।
सरकार का सहयोग और भविष्य की योजनाएं
बैठक में यह तय किया गया कि मछुआरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, सहकारी समितियों को मजबूत कर किसानों और मछुआरों को आवश्यक संसाधन एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
यह बैठक मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
