ओवरलोड नाव परिचालन से कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना

बिहार के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत बख्तियारपुर के गयासपुर गंगा घाट पर नाबिकों द्वारा क्षमता से अधिक यात्रियों को नाव पर चढ़ाकर गंगा पार कराने का सिलसिला धड़ल्ले से जारी है। अधिक पैसा कमाने के लालच में नाबिक यात्री सुरक्षा की अनदेखी कर रहे हैं, और इस खतरनाक स्थिति को रोकने के लिए कोई भी अधिकारी कदम नहीं उठा रहा है।
ओवरलोडिंग से बढ़ा खतरा
बिहार में आए दिन नाव डूबने और पलटने की घटनाएं सामने आती हैं। इसके बावजूद गयासपुर गंगा घाट पर नाबिक ओवरलोड नावों का परिचालन कर रहे हैं। नाबिक गंगा के इस पार से उस पार यात्रियों को ले जाने के लिए क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर बैठा रहे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे कई जानें जा सकती हैं।
सरकार के निर्देशों की अनदेखी
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नाव पर क्षमता से अधिक यात्रियों को सवार न किया जाए। इसके बावजूद नाबिक इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्हें प्रशासन का कोई भय नहीं है, और वे नियमों की धज्जियां उड़ाकर अपनी मनमानी कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। प्रशासन की उदासीनता के कारण नाबिकों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। यदि प्रशासन समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं करता, तो किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
यात्रियों की सुरक्षा को खतरा
क्षमता से अधिक यात्रियों को नाव पर चढ़ाने से नावों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे नाव पलटने का खतरा बढ़ जाता है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन और नाबिक दोनों की जिम्मेदारी है, लेकिन फिलहाल दोनों ही इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जरूरत ठोस कार्रवाई की
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। घाट पर ओवरलोड नाव परिचालन रोकने के लिए नियमित निगरानी और कड़ी सजा का प्रावधान आवश्यक है। साथ ही, नाबिकों को सरकार के नियमों का पालन करने और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सख्त हिदायत दी जानी चाहिए।
बिना ठोस कदम उठाए इस समस्या का समाधान संभव नहीं है, और यह किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
