नालंदा में लगेंगे 254 नए ट्रांसफॉर्मर: बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए तैयारियां तेज

गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नालंदा जिले में विद्युत विभाग ने व्यापक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का काम तेज गति से चल रहा है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- ट्रांसफॉर्मर स्थापना:
- शहरी क्षेत्र में 55 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 25 की स्थापना पूरी हो चुकी है।
- ग्रामीण इलाकों में 199 ट्रांसफॉर्मर लगाने की योजना है, जिनमें से 38 पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।
- पावर सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ेगी:
- नौ प्रखंडों के दस पावर सब स्टेशनों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।
- कुल आपूर्ति क्षमता 238 एमवीए से बढ़ाकर 288 एमवीए की जाएगी।
- लाइन विस्तार और सुधार:
- हरनौत के चेरन ग्रिड से चंडी पीएसएस तक 33 केवी की नई सर्किट लाइन बिछाई जा रही है।
- धमौली पीएसएस से नूरसराय पीएसएस और नालंदा ग्रिड से करण बिगहा पीएसएस तक नई लाइनें बिछाने का कार्य जारी है।
- इन सभी सब स्टेशनों को रिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि गर्मियों में बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद आपूर्ति सुचारू बनी रहे।
MRT टीम को रखरखाव की जिम्मेदारी:
तकनीकी सुधारों के तहत पावर ट्रांसफॉर्मर और ब्रेकरों के रखरखाव की जिम्मेदारी MRT टीमों को सौंपी गई है। तेज हवाओं से होने वाली समस्याओं से बचाव के लिए विशेष सेपरेटर लगाए जा रहे हैं।
एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ:
इस परियोजना से जिले के एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह पहल न केवल वर्तमान बिजली आपूर्ति को मजबूत करेगी, बल्कि भविष्य की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी सहायक होगी। मार्च के अंत तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इन सुधारों से जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली का लाभ मिलेगा।
