बिहार सेंट्रल स्कूल में डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई गई

आज, दिनांक 6 दिसंबर 2024, दिन शुक्रवार को बिहार सेंट्रल स्कूल के प्रांगण में भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और अन्य उपस्थित लोगों ने बाबा साहब के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बाबा साहब के जीवन पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रचार्य श्याम सुंदर प्रसाद ने बाबा साहब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन में सामाजिक बाधाओं के बावजूद संघर्ष और दृढ़संकल्प के माध्यम से जो उपलब्धियां हासिल कीं, वे अद्वितीय हैं। उन्होंने बाबा साहब को “कीचड़ में खिला कमल” बताते हुए कहा कि उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
शिक्षकों और छात्रों का योगदान
विद्यालय के शिक्षकों, जिनमें निरंजन शर्मा, शैलेंद्र कुमार, शंभू प्रसाद, कृष्णनंदन प्रसाद, संगीता कुमारी, और रेशमा शामिल थे, ने डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके आदर्शों पर बच्चों को प्रेरणादायक बातें बताईं। उन्होंने बताया कि बाबा साहब ने शिक्षा को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया और अपने संघर्षों से यह सिद्ध किया कि अगर मन में अटूट संकल्प और जोश हो, तो कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है।
बच्चों ने दी प्रेरणा
कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों ने भी डॉ. अंबेडकर की जीवनी पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बाबा साहब के संघर्ष और उनकी उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए यह संकल्प लिया कि वे भी उनके आदर्शों पर चलते हुए अपने जीवन में एक उत्कृष्ट मुकाम हासिल करेंगे। बच्चों ने यह भी कहा कि उन्हें बाबा साहब के प्रयासों से प्रेरणा लेकर समाज और देश की प्रगति में अपना योगदान देना है।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस अवसर पर विद्यालय के प्रचार्य और शिक्षकों ने सभी से अपील की कि बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें अपने भीतर संघर्षशीलता और आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए। यह कार्यक्रम सभी के लिए प्रेरणा और नए जोश से भर देने वाला रहा।