स्वावलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण कर रही है विद्या भारती: डी. रामकृष्ण राव

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राजगीर (नालंदा) : वर्तमान समय में शिक्षा का स्वरूप डिजिटल होता जा रहा है। इस बदलते परिवेश में, विद्या भारती यह सुनिश्चित करने हेतु कार्यरत है कि तकनीकी व आधुनिक शिक्षा देश के प्रत्येक विद्यार्थी तक सहजता से पहुँचे। विशेषकर विद्या भारती विद्यालयों के छात्रों को ऐसे अवसर प्राप्त हों, जिससे वे न केवल शिक्षित हों, बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष और आत्मनिर्भर भी बनें।

उक्त बातें विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव ने बुधवार को पूज्य तपस्वी जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर (राजगीर) परिसर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विद्या भारती के विद्यालयों में शैक्षणिक पद्धतियों को लागू किया गया है, जिससे विद्यार्थी समकालीन चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें।

विदित हो कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की वार्षिक साधारण सभा 11 अप्रैल से 13 अप्रैल 2025 तक पूज्य तपस्वी जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर, राजगीर में आयोजित की जा रही है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से 350 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।

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पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने संस्था की शुरुआत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसकी स्थापना वर्ष 1952 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर से हुई थी। वर्तमान में विद्या भारती देश के 684 जिलों में 12,098 औपचारिक विद्यालयों का संचालन कर रही है, जिनमें लगभग 100 विद्यालय आवासीय हैं। इनमें 200 से अधिक विद्यालय सी.बी.एस.ई. से और शेष राज्य बोर्डों से संबद्ध हैं।

सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए विद्या भारती पूर्वोत्तर राज्यों, दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों और महानगरों की सेवा बस्तियों में 9,400 से अधिक अनौपचारिक शिक्षा केंद्र निःशुल्क संचालित कर रही है, जहाँ लगभग 36 लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस संस्था के साथ लगभग 1.54 लाख शिक्षक जुड़े हुए हैं, जो बच्चों को नवीन शिक्षण कौशल व नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण करने में जुटे हैं।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी संस्था द्वारा 60 महाविद्यालयों और एक विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा आई.टी.आई, कृषि विज्ञान केंद्र, सैनिक विद्यालय और विद्यालय स्तर पर कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से विद्या भारती जन शिक्षण व सामाजिक विकास में अपना योगदान दे रही है।

संस्था के अनेक पूर्व छात्र आज चिकित्सा, प्रशासन, विज्ञान, शिक्षा, अभियांत्रिकी आदि विविध क्षेत्रों में देश सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं में से 20 भाषाओं में विद्या भारती शिक्षा प्रदान कर रही है।

भटनागर ने बताया कि साधारण सभा के दौरान विगत कार्यों की समीक्षा, आगामी कार्यक्रमों की योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर व्यापक मंथन होगा। इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव की अध्यक्षता में 11 अप्रैल को साधारण सभा का उद्घाटन होगा, जिसमें विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु संत जियर स्वामी जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

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इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह एवं विद्या भारती के मार्गदर्शक डॉ. कृष्ण गोपाल जी तथा विद्या भारती के संगठन मंत्री गोविंद चंद महंत भी मंचासीन रहेंगे।

कार्यक्रम के दौरान 12 अप्रैल को शाम 4:30 बजे विद्यालय की घोष (बैंड) दल द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी और 7:00 बजे विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक मंचन किया जाएगा, जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

समापन समारोह 13 अप्रैल को आयोजित होगा, जिसमें अतिथियों द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को प्रेरणादायक संबोधन दिया जाएगा।

पत्रकार वार्ता में विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम , प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, प्रदेश सह मंत्री एवं विद्यालय के सचिव प्रो. राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह, क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार संयोजक नवीन सिंह परमार, प्रांतीय प्रचार प्रमुख गिरीश कुमार द्विवेदी एवं प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।

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