रैतर गाँव में 501 कलशों के साथ भव्य कलश यात्रा, लक्ष्मी नारायण मंदिर में होगा 24 घंटे का अखंड कीर्तन

गिरियक (नालंदा) : रैतर गाँव में लक्ष्मी नारायण मंदिर से 501 कलशों के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस पावन यात्रा में महिलाएं, पुरुष तथा बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में गाजे-बाजे, घोड़े (10), ऊँट (2) और एक भव्य रथ के साथ शामिल हुए।
कलश यात्रा रांची रोड होते हुए गिरियक स्थित विष्णु धाम पंचाने नदी तक पहुँची, जहाँ से सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र जल भरकर रैतर गाँव के लक्ष्मी नारायण मंदिर तक पैदल यात्रा की। यात्रा मार्ग में हनुमान मंदिर छठ घाट, बंगलापर शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सूर्य मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, काली स्थान मंदिर तथा राधाकृष्ण मंदिर होते हुए सभी श्रद्धालु लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुँचे। वहाँ महिलाओं और बालिकाओं द्वारा विधिवत कलश स्थापना की गई।

ग्रामीणों ने बताया कि रैतर गाँव में पिछले लगभग 100 वर्षों से लक्ष्मी नारायण मंदिर में अखंड कीर्तन का आयोजन नहीं हुआ था। इसी को लेकर गाँववासियों ने सामूहिक रूप से निर्णय लेते हुए अखंड कीर्तन आयोजित करने का संकल्प लिया। इसके लिए रैतर पंचायत के अंतर्गत आने वाले 12 गाँवों में आमंत्रण भेजा गया।
कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है:
- 09 अप्रैल 2025 (बुधवार): कलश यात्रा का आयोजन
- 10 अप्रैल 2025 (गुरुवार): प्रातः 9:00 बजे से 24 घंटे का अखंड “हरे राम, हरे कृष्ण” कीर्तन प्रारंभ
- 11 अप्रैल 2025 (शुक्रवार): वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कीर्तन का समापन
- 11 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक: भव्य भोज-भंडारे का आयोजन
पूरे गाँव में इस आयोजन को लेकर उत्साह का माहौल है। श्रद्धालुजन बढ़-चढ़कर इस धार्मिक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण भक्ति, श्रद्धा और सामूहिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है।

