सामाजिक समरसता की मिसाल बनी विद्या भारती की साधारण सभा — वंचितों के हाथों से सजा श्रद्धा का भोज

राजगीर (नालंदा) : विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की साधारण सभा का दूसरा दिन सामाजिक समरसता की एक सुंदर मिसाल बना। इस विशेष अवसर पर आयोजन केंद्र, पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर द्वारा राजगीर और उसके आस-पास की सेवा बस्तियों में संचालित संस्कार केंद्रों से जुड़ी माताएं एवं बच्चे आयोजन स्थल पर उपस्थित हुए।
इन संस्कार केंद्रों से जुड़ी वंचित वर्ग की महिलाओं ने देशभर से पधारे अतिथियों के लिए अपने घरों से श्रद्धाभावपूर्वक रोटियाँ, सब्ज़ियाँ आदि बनाकर लाईं। विद्या भारती की संगठनात्मक व्यवस्था के अंतर्गत उन माताओं को आदरपूर्वक भोज कराया गया, जिसमें उन्हें विशेष सम्मान के साथ सहभागी बनाया गया। यह आयोजन सामाजिक समरसता और सहभागिता का एक अद्भुत उदाहरण बना, जो सभी आगंतुकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।
ज्ञात हो कि पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर, राजगीर द्वारा क्षेत्र की सेवा बस्तियों में लगभग 30 से अधिक संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा और संस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।

विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने जानकारी दी कि वर्तमान में देशभर में करीब 4000 संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्ग के बच्चों को सुशिक्षा और सद्गुणों से युक्त बनाना है, जिससे वे आत्मनिर्भर और संस्कारी नागरिक बन सकें। यहां पंचपदी शिक्षण पद्धति — अधिति, बोध, अभ्यास, प्रयोग और प्रसार — के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दिया जाता है।
सेवा कार्य प्रमुख परमेश्वर कुमार ने बताया कि आज के समरसता भोज में 11 गांवों से 109 परिवारों की महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने इस आयोजन को और भी भावपूर्ण बना दिया।
