राजगीर खेल विश्वविद्यालय को मिली UGC मान्यता, 2025-26 से नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत से खेल और शिक्षा क्षेत्र में नया अध्याय

राजगीर स्थित बिहार खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से विधिवत मान्यता मिल गई है, जो राज्य के खेल और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस मान्यता के बाद विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक समृद्धि की संभावना है।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस ऐतिहासिक मान्यता को बिहार के युवाओं के लिए खेल और शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करने वाली बताया। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य खेलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि युवा खेल जगत में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

कुलपति ने यह भी बताया कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय तीन प्रमुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत करेगा। इनमें स्पोर्ट्स कोचिंग में डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा शामिल हैं, जो विद्यार्थियों को दो या तीन प्रमुख खेलों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा। इसके अलावा, योग में भी डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिसका उद्देश्य योग को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में पेशेवर शिक्षा प्रदान करना है।
विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद चार वर्षीय बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बी.पी.एड.) पाठ्यक्रम भी शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में पेशेवर शिक्षकों की बढ़ती मांग को पूरा किया जाएगा और छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलेगा।
इस मान्यता के साथ, न केवल राज्य के खेल परिदृश्य में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, बल्कि यह राज्य में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। इससे युवाओं को खेल शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
