डुमरांवां दोहरे हत्याकांड के विरोध में सड़कों पर उतरा पासवान समाज, प्रशासन को सौंपा छह सूत्री मांगपत्र

बिहारशरीफ (नालंदा), संवाददाता: नालंदा जिले के डुमरांवां गांव में हुए दोहरे हत्याकांड के खिलाफ सोमवार को पासवान समाज का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। समाज के सैकड़ों लोगों ने साठोपुर से देवीसराय होते हुए भरावपर हॉस्पिटल मोड़ तक शांतिपूर्ण लेकिन उग्र आक्रोश मार्च निकाला। मार्च के बाद प्रदर्शनकारी जिला समाहरणालय पहुंचे, जहां सभा आयोजित कर मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को छह सूत्री मांगपत्र सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।

🔶 प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की जाए और उनके घरों की कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
- नामजद आरोपियों पर स्पीडी ट्रायल चलाकर उन्हें शीघ्र फांसी की सजा दी जाए।
- मृतकों के आश्रितों को पाँच-पाँच डिसमिल जमीन तथा पीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान दिया जाए।
- पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी और 10-10 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए।
- डुमरांवां गांव में स्थायी पुलिस चौकी की स्थापना की जाए ताकि दलित समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- परिजनों को मिल रही धमकियों पर त्वरित कार्रवाई कर सुरक्षा की गारंटी दी जाए।
📣 नेताओं का बयान:
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विमल पासवान ने कहा, “यह हत्या केवल दो व्यक्तियों की नहीं, पूरे समाज की अस्मिता पर हमला है। यदि दोषियों को जल्द सजा नहीं दी गई, तो यह आंदोलन पूरे बिहार में फैलाया जाएगा।”

सभा को संबोधित करने वालों में राजो पासवान, डॉ. जगदीश प्रसाद, अधिवक्ता अमित कुमार पासवान, सतेंद्र मुकुट, अमर भगत, कमलेश पासवान, रजनीश पासवान, बालमुकुंद पासवान, सत्येंद्र पासवान, दिलचंद पासवान, रवि पासवान, सीता देवी, प्रेम पासवान एवं हेमंत कुमार सहित दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्धजन शामिल थे।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व डुमरांवां गांव में अज्ञात अपराधियों ने हिमांशु पासवान और अनु कुमारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और विशेषकर दलित समुदाय में भारी असुरक्षा और दहशत व्याप्त है।
