पंचाने नदी बनी प्रवासी राजहंसों का आशियाना: दुनिया की सबसे ऊंची उड़ान भरने वाले पक्षी बिहार पहुंचे

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नालंदा की पंचाने नदी इन दिनों अंतरराष्ट्रीय महत्व के प्रवासी पक्षियों का स्वागत कर रही है। दुनिया की सबसे ऊंचाई पर उड़ने वाले ‘बार-हेडेड गूज’ यानी राजहंस ने इस नदी को अपना अस्थायी आशियाना बना लिया है। तिब्बत, कजाकिस्तान, मंगोलिया और रूस जैसे ठंडे देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ये पक्षी हिमालय की चोटियों को पार करते हुए यहां पहुंचे हैं।

अद्वितीय उड़ान क्षमता

राजहंस 27,000 से 29,000 फीट की अविश्वसनीय ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं, जिससे इन्हें दुनिया के सबसे ऊंची उड़ान वाले पक्षियों का दर्जा प्राप्त है। नालंदा के गिरियक प्रखंड में स्थित पंचाने नदी का शांत और हरा-भरा इलाका इन प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बन गया है।

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प्रकृति का अनमोल उपहार

स्थानीय पक्षी विशेषज्ञ राहुल ने बताया कि राजहंस हमारे लिए प्रकृति का अनमोल उपहार हैं। इनके सिर पर दो विशिष्ट काली पट्टियां होती हैं, जिससे इन्हें ‘बार-हेडेड गूज’ नाम मिला है। इनका बड़ा आकार और हल्के भूरे-सफेद रंग का शरीर इन्हें आसानी से पहचानने योग्य बनाता है।

जैव विविधता को नई ऊर्जा

राजहंसों के आगमन से पंचाने नदी और उसके आसपास के क्षेत्र में जैव विविधता में वृद्धि हुई है। ये पक्षी नदी के किनारे उगी वनस्पतियों, जलीय पौधों, बीजों और फलों का सेवन करते हैं, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बना रहता है।

पर्यावरणविद् राजीव रंजन ने बताया, “इन पक्षियों के आगमन से संकेत मिलता है कि यहां का पर्यावरण अभी भी स्वस्थ है। प्रवासी पक्षियों की संख्या में लगातार वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है।”

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