नालंदा: पावापुरी में एक ही परिवार के पांच लोगों ने खाया ज़हर, चार की मौत, कर्ज में डूबा था पूरा परिवार, विम्स पावापुरी में चल रहा इलाज

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पावापुरी (नालंदा) : नालंदा जिले के पावापुरी में शुक्रवार शाम दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहाँ कर्ज के दबाव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने ज़हर खा लिया। इस घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि परिवार का मुखिया गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।

घटना जलमंदिर के पास स्थित किराए के मकान की है, जहाँ रहने वाले धर्मेंद्र कुमार ने अपने परिवार के साथ यह खौफनाक कदम उठाया। मृतकों में धर्मेंद्र की पत्नी सोनी कुमारी (38), बेटा शिवम (14), और दो बेटियां दीपा (16) व अरिमा कुमारी (14) शामिल हैं। सभी का इलाज भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) में चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान चारों की मौत हो गई।

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छोटे बेटे की सूझबूझ से सामने आई सच्चाई

धर्मेंद्र का छोटा बेटा सत्यम इस घटना में सुरक्षित बच गया, क्योंकि उसने ज़हर खाने से मना कर दिया था। सत्यम ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने परिवार के सभी सदस्यों को सल्फास की गोली दी थी। जब मां की हालत बिगड़ने लगी, तो उन्होंने पास के कोचिंग सेंटर संचालक मधुरंजन को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। मधुरंजन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी को अस्पताल पहुंचाया।

कर्ज का था भारी बोझ, साहूकार कर रहे थे प्रताड़ित

जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र पहले राजमिस्त्री का काम करते थे, लेकिन कुछ समय से पावापुरी में ‘श्री काली मां साड़ी सेंटर’ नाम से कपड़ों की दुकान चला रहे थे। व्यापार में घाटा होने के कारण उन्होंने करीब 5 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था। यह कर्ज उन्होंने स्थानीय साहूकारों से लिया था, जो आए दिन उन्हें और उनकी पत्नी को गाली-गलौज कर प्रताड़ित कर रहे थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ब्याज की रकम न चुका पाने के चलते साहूकारों द्वारा बढ़ते दबाव और अपमानजनक व्यवहार से परेशान होकर धर्मेंद्र ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

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पुलिस कर रही जांच, साहूकारों की भूमिका पर नजर

घटना की सूचना मिलते ही राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह और इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज मौके पर पहुंचे। डीएसपी ने बताया कि मामला प्रथम दृष्टया कर्ज और प्रताड़ना से जुड़ा लग रहा है। पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है, साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि किन लोगों ने परिवार को कर्ज दिया था और क्या उनकी भूमिका इस दुखद घटना में रही है।

गांव में पसरा मातम

शेखपुरा जिले के पुरनकामा (सिक्करपुर) गांव के रहने वाले इस परिवार की मौत की खबर के बाद गांव में मातम छा गया है। शिवम और अरिमा इंटर की पढ़ाई कर रहे थे, जबकि दीपा सातवीं कक्षा में थी।

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