अपनी ही बाइक पर चोरी का आरोप: पुलिस ने पूछताछ के लिए युवक को थाने ले जाकर घंटों बैठाया, फिर छोड़ा

भागलपुर: गुरुवार को 22 वर्षीय मोहम्मद आसिफ सिविल कोर्ट परिसर में अपनी बाइक के पास खड़ा था। आसिफ के अनुसार, वह अपनी मां को कोर्ट तक लेकर गया था, जो किसी काम के सिलसिले में अंदर गई थीं। इस दौरान वह बाहर अपनी बाइक के पास इंतजार कर रहा था। अचानक तिलकामांझी थाने की गश्ती गाड़ी वहां पहुंची, और पुलिसकर्मियों ने आसिफ से पूछा कि वह बाइक के पास क्यों खड़ा है।
आसिफ ने बताया कि बाइक उसकी है और उसकी मां के नाम पर रजिस्टर्ड है। जब पुलिस ने कागजात की मांग की, तो उसने कहा कि कागजात घर पर हैं और उन्हें लाने के लिए थोड़े समय की जरूरत है। इसके बावजूद पुलिस ने उसे संदिग्ध मानते हुए बाइक चोरी का आरोप लगाकर थाने ले जाने का फैसला किया।
पुलिस और युवक के बीच विवाद
कोर्ट परिसर में पुलिस और आसिफ के बीच करीब आधे घंटे तक बहस और धक्का-मुक्की हुई। अंततः पुलिस ने आसिफ को गश्ती जीप में डालकर तिलकामांझी थाने ले आई।

थाने में 6 घंटे तक रखा
थाने में पुलिस ने आसिफ से कागजात मंगवाए। आसिफ ने अपने परिजनों को फोन किया, और कागजात लाने में परिजनों को लगभग 6 घंटे का समय लग गया। कागजात की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने आसिफ से पीआर बॉंड भरवाया और 1,000 रुपये का जुर्माना लेकर उसे छोड़ दिया।
पुलिस का पक्ष
तिलकामांझी थानेदार शंभु पासवान ने बताया कि इलाके में बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं, इसलिए संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले व्यक्तियों से पूछताछ की जाती है। आसिफ को कागजात न होने पर संदिग्ध मानते हुए थाने लाया गया। परिजनों के आने और कागजात दिखाने के बाद उसे छोड़ दिया गया।
आसिफ का पक्ष
आसिफ ने कहा कि उसने लगातार अपनी बात पुलिस को समझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी और उसे जबरदस्ती थाने ले गई। आसिफ ने आरोप लगाया कि उसे बिना वजह परेशान किया गया।
क्या होता है पीआर बॉंड?
पर्सनल बॉंड (पीआर बॉंड) एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत संदिग्ध व्यक्ति को उसकी पहचान और शर्तों पर छोड़ा जाता है। इसमें व्यक्ति से उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर लिया जाता है, और उसे कोर्ट में पेश होने का वादा कराया जाता है।
यह घटना पुलिस की सतर्कता और प्रक्रिया में संतुलन की आवश्यकता को दर्शाती है। जबकि आसिफ का कहना है कि उसे बिना कारण परेशान किया गया, पुलिस इसे बढ़ती चोरी की घटनाओं के खिलाफ एहतियातन कदम मानती है।
