पावापुरी अस्पताल में एमआरआई जांच सेवा शुरू, मरीजों को निजी तुलना में 50-60% कम दर पर सुविधा

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पावापुरी (नालंदा) : नालंदा जिले के भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी अस्पताल में गुरुवार से सीटी स्कैन के साथ एमआरआई जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है। अस्पताल प्रबंधक ने इसके लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।

अब मरीज निजी अस्पतालों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत कम दर पर एमआरआई जांच करा सकेंगे। एमआरआई सेवा पीपीपी मोड में शुरू की गई है, इसके लिए बिहार सरकार और एडेनेक्स कंपनी के बीच एमओयू हुआ है। प्रशिक्षण प्राप्त टेक्नीशियन रवि रंजन को यहां प्रतिनियुक्त किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनों की स्थापना के बाद एमआरआई स्कैन की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई।

प्राचार्या डॉ. सर्बिल कुमारी ने बताया कि नालंदा के अलावा आसपास के नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई और झारखंड के कई जिलों के मरीजों को भी यह सुविधा मिलेगी। कोडरमा सहित अन्य जिलों से भी मरीज इलाज के लिए पावापुरी अस्पताल आते हैं। पहले दिन नालंदा के मरीज बिट्टू और सन्नी की मस्तिष्क (ब्रेन) की एमआरआई जांच की गई। अस्पताल में कुल 52 प्रकार की जांच उपलब्ध हैं। एमआरआई (हेड, विदाउट कंट्रास्ट) की कीमत 1,998 रुपये तय की गई है, जबकि पूरे शरीर की एमआरआई की कीमत 5,100 रुपये रखी गई है।

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डॉ. सर्बिल कुमारी ने बताया कि एमआरआई उन रोगों का पता लगाने में सहायक है जिन्हें अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे से नहीं देखा जा सकता। जांच में लगभग 30 से 90 मिनट का समय लगता है और 6 से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाती है। एमआरआई जांच मस्तिष्क और रीढ़ की समस्याओं, चोट, ट्यूमर या मल्टीपल स्क्लेरोसिस के निदान के लिए उपयोगी है।

इसके अलावा यह जोड़ और हड्डियों की चोट, लिगामेंट्स या मेनिस्कस में चोट, आर्थराइटिस और हड्डी के संक्रमण, आंतरिक अंगों की समस्याएं (जिगर, गुर्दे, प्रजनन अंग), दिल और रक्त वाहिकाओं की स्थिति (रक्त प्रवाह में रुकावट या दिल के दौरे के बाद की स्थिति), सूजन, दर्द या किसी बीमारी की प्रगति का मूल्यांकन करने में भी सहायक है।

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