श्रीलंका के राष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर में की पूजा, सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम

विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान बुद्ध के दर्शन किए, पुष्प अर्पित किए, और उन्हें पवित्र खीर भेंट की। दर्शन के बाद उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को नमन किया और ध्यान साधना की।
भव्य स्वागत और परंपराओं का निर्वाह
बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा राष्ट्रपति का खादा वस्त्र देकर भव्य स्वागत किया गया। उनके साथ आए श्रीलंकाई शिष्टमंडल का भी पारंपरिक तरीके से अभिनंदन किया गया।

अस्थि कलश के दर्शन और श्रीलंकाई मॉनेस्ट्री का दौरा
महाबोधि मंदिर में पूजा और ध्यान के बाद श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीलंकाई बौद्ध मॉनेस्ट्री पहुंचे, जहां उन्होंने अस्थि कलश के दर्शन किए। इसके बाद वे कड़ी सुरक्षा के बीच गया एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
सुरक्षा व्यवस्था और रूट डायवर्जन
राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम और एसएसपी आशीष भारती खुद सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश बंद रखा गया और रूट डायवर्ट किया गया। दर्शन के बाद दोपहर 11:30 बजे मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।
भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती
महाबोधि मंदिर में पूजा और ध्यान के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बोधगया के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की सराहना की। उनके साथ आए शिष्टमंडल ने मंदिर की परंपराओं और शांति के संदेश को लेकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।
यह यात्रा भारत और श्रीलंका के सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। गौरतलब है कि बोधगया, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, श्रीलंका के बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
