विद्या भारती त्रि-दिवसीय आचार्य कार्यशाला 2025-26 द्वितीय दिवस पर शैक्षिक नवाचार एवं कार्य योजना पर गहन मंथन

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नालंदा : विद्या भारती द्वारा आयोजित त्रि-दिवसीय आचार्य कार्यशाला के दूसरे दिन शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, नवीन शिक्षण पद्धतियों और विद्यालयी कार्य योजना 2025-26 के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई।

द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रधानाचार्य आनंत कुमार सिन्हा जी ने की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप शिक्षण विधियों के आधुनिकीकरण, शिक्षक प्रशिक्षण और विद्यार्थियों में नवाचार की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। इस दौरान शिक्षकों के सशक्तिकरण पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटल शिक्षण तकनीकों पर विशेष प्रशिक्षण, व्यावहारिक शिक्षण एवं परियोजना-आधारित लर्निंग, तथा विद्यार्थियों की समस्या-समाधान क्षमता के विकास को प्राथमिकता दी गई।

शिक्षा के क्षेत्र में पारंपरिक और आधुनिक पद्धतियों के समन्वय पर भी विचार किया गया, जिसमें भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में समाहित करने, STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा के विस्तार, तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), कोडिंग और रोबोटिक्स को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया।

कार्यशाला में शिक्षा में खेलों और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की भूमिका पर भी गहन मंथन हुआ। शिक्षकों ने विद्यार्थियों की खेल प्रतियोगिताओं में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने, संगीत, कला, नाटक एवं रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की। स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिससे ऑनलाइन संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके और डिजिटल कंटेंट विकसित करने में तेजी लाई जा सके।

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शैक्षिक नवाचारों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विद्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग समितियों के गठन, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए मासिक मूल्यांकन बैठकों के आयोजन, शिक्षा मंत्रालय एवं अन्य सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय, तथा स्थानीय समुदाय एवं अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीतियाँ बनाई गईं।

कार्यशाला के अंत में प्रधानाचार्य आनंत कुमार सिन्हा जी ने सभी शिक्षकों से शिक्षा के प्रति समर्पित रहने, नवाचारों को अपनाने और विद्यार्थियों को भारत का आदर्श नागरिक बनाने के लिए सतत कार्य करने का आह्वान किया। इस अवसर पर शिक्षाविदों, विद्या भारती के वरिष्ठ अधिकारियों एवं शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए। कार्यशाला का तृतीय एवं अंतिम दिन 28 मार्च 2025 को आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न समूह चर्चाएँ, निष्कर्ष प्रस्तुति और आगामी कार्ययोजनाओं पर निर्णय लिया जाएगा।

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