गया गांधी मैदान में उपेंद्र कुशवाहा की ‘संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली’, सुजाता कुशवाहा के नेतृत्व मे नालंदा से हज़ारों कार्यकर्ता हुए शामिल

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राजगीर (नालंदा) : गया के गांधी मैदान में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में संवैधानिक अधिकार एवं परिसीमन सुधार महारैली का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक रैली में नालंदा जिले से भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। नालंदा विधानसभा क्षेत्र (176) की भावी प्रत्याशी एवं महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव सुजाता कुशवाहा के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता बसों और छोटी गाड़ियों से रैली में शामिल होने के लिए सुबह बिहारशरीफ से रवाना हुए।

रवानगी से पूर्व इनका काफिला राजगीर के किला मैदान में एकत्र हुआ, जहां जलपान के बाद सभी गया के लिए प्रस्थान किए। गया पहुंचने पर रालोमो के शीर्ष नेताओं द्वारा काफिले का भव्य स्वागत किया गया। मंच पर पहुंचने के बाद सुजाता कुशवाहा ने पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।

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गया के गांधी मैदान में आयोजित इस महारैली में लाखों की भीड़ उमड़ी। मंच से संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कॉलेजियम सिस्टम को समाप्त करने, आम जनता के संवैधानिक अधिकारों को सुलभ बनाने और विधान सभा/लोक सभा में परिसीमन सुधार लागू करने का संकल्प लिया। उनकी इन घोषणाओं पर वहां मौजूद आम जन और कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया और आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया।

इस रैली में सुजाता कुशवाहा के नेतृत्व में कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें उपेंद्र यादव (उपाध्यक्ष, रालोमो, नालंदा), अरविंद कुमार (जिला महासचिव, रालोमो, नालंदा), संजय कुमार ज्योति (पूर्व मुखिया सह प्रदेश सचिव, रालोमो बिहार), महेंद्र प्रसाद कुशवाहा (प्रदेश महासचिव), विनोद कुमार (प्रदेश महासचिव), अर्जुन कुशवाहा (प्रदेश महासचिव), संजय मेहता (प्रदेश महासचिव), सुबोध पंडित (प्रदेश उपाध्यक्ष), चंदन कुशवाहा (जिला महासचिव, नालंदा), शुभम कुशवाहा (जिला सचिव, नालंदा), श्रीकांत कुमार, रुदल, नरेश महतो, अनवर मियां सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

रैली की भव्यता और जनसमर्थन को देखते हुए यह स्पष्ट हो गया कि बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा और रालोमो की भूमिका आगामी दिनों में निर्णायक हो सकती है।

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