ठंड के मौसम में नालंदा खंडहर में बढ़ी पर्यटकों की चहल-पहल

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nalnda khandhar

ठंड का मौसम आते ही नालंदा जिले के विश्वप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल नालंदा खंडहर में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। यह ऐतिहासिक धरोहर न केवल भारतीय पर्यटकों के लिए बल्कि विदेशी सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

जैसे-जैसे ठंड का मौसम अपने चरम पर पहुंचता है, वैसे-वैसे नालंदा खंडहर में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ती जाती है। बताया जा रहा है कि इस समय प्रतिदिन करीब दो हजार से अधिक पर्यटक यहां का भ्रमण कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक शामिल हैं, जो खासतौर पर एशियाई देशों जैसे जापान, चीन, कोरिया, थाईलैंड, श्रीलंका और वियतनाम से आते हैं। इन देशों के बौद्ध धर्म अनुयायियों के लिए नालंदा खंडहर विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह बौद्ध धर्म के महान इतिहास और संस्कृति का प्रमुख केंद्र रहा है।

नालंदा खंडहर का ऐतिहासिक महत्व
नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर विश्व का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था, जिसे 5वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। इसे बौद्ध शिक्षा और विद्या का केंद्र माना जाता है। यहां कभी 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक एक साथ शिक्षा ग्रहण और प्रदान करते थे। यह खंडहर न केवल भारत की गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है, बल्कि विश्वभर के इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए भी अध्ययन का विषय बना हुआ है।

पर्यटकों का अनुभव और बढ़ता आकर्षण
ठंड के मौसम में यह स्थल और भी अधिक आकर्षक लगता है। ठंडी और सुकूनभरी हवा के बीच पर्यटक इस स्थल की प्राचीनता को महसूस करते हैं। कई पर्यटक कहते हैं कि ठंड के मौसम में खंडहर घूमना और यहां के ऐतिहासिक महत्व को समझना एक अद्भुत अनुभव है। विदेशी पर्यटक विशेष रूप से यहां के इतिहास, स्थापत्य कला और बौद्ध धर्म से जुड़ी कहानियों में गहरी रुचि दिखाते हैं।

इसके अलावा, नालंदा खंडहर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य भी पर्यटकों को खूब भाता है। स्थानीय गाइड पर्यटकों को खंडहर के विभिन्न हिस्सों के बारे में विस्तार से बताते हैं, जिसमें प्राचीन पुस्तकालय, ध्यान केंद्र और छात्रावास जैसे हिस्से शामिल हैं।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ
पर्यटकों की बढ़ती संख्या से न केवल नालंदा के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है। होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, और स्थानीय हस्तशिल्प के कारोबारियों को इस दौरान अतिरिक्त आय हो रही है।

सरकार और प्रशासन की भूमिका
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग भी नालंदा खंडहर के रखरखाव और सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रहा है। साफ-सफाई, सुरक्षा और गाइड सेवाओं में सुधार किया गया है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं और जानकारी केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं।

नालंदा खंडहर का वैश्विक महत्व
नालंदा खंडहर को 2016 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। यह मान्यता इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है और पर्यटकों को इसे देखने के लिए प्रेरित करती है।

ठंड के इस मौसम में नालंदा खंडहर, इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थल बन गया है। यहां आकर न केवल प्राचीन भारत की झलक मिलती है, बल्कि यह स्थल भारत के गौरवशाली अतीत और उसकी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनकर सामने आता है।

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