बिहार बोर्ड 12वीं साइंस में 90% अंक लाकर रुही कुमारी ने बढ़ाया जिले का मान

दुर्गापुर (नालंदा): कड़ी मेहनत और लगन से सफलता की नई ऊंचाइयों को छूते हुए, दुर्गापुर की रुही कुमारी ने बिहार बोर्ड 12वीं साइंस परीक्षा में 90% अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। रुही दुर्गापुर पंचायत के पूर्व लोकप्रिय मुखिया राकेश कुमार और गोविंदपुर बेलदारी, नूरसराय की शिक्षिका रश्मि कुमारी की पुत्री हैं। उनकी इस उपलब्धि से पूरे परिवार और गांव में हर्ष का माहौल है।
माता-पिता और शिक्षकों का मिला आशीर्वाद
रुही ने बताया कि वह जवाहर कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, बिहारशरीफ की छात्रा रही हैं। उनकी सफलता में विद्यालय परिवार के साथ-साथ माता-पिता और दादा-दादी का आशीर्वाद रहा, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें प्रोत्साहित किया। अपने पिता की प्रेरणादायक पंक्तियों को दोहराते हुए उन्होंने कहा—
“लहरों से डरकर नौका कभी पार नहीं होती, और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”

डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करने की इच्छा
भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर रुही ने कहा कि उनकी इच्छा डॉक्टर बनकर गरीब, लाचार और असहाय लोगों की सेवा करने की है। उन्होंने कहा कि उनके पिता समाजसेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं और वह भी उसी राह पर चलना चाहती हैं।
“बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं”— मां रश्मि कुमारी
रुही की मां रश्मि कुमारी, जो शिक्षिका हैं, ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उन्होंने बेटियों की शिक्षा और समानता पर जोर देते हुए कहा—
“आज बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है। हमारी बेटियां नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहकर सफलता के झंडे गाड़कर लौटी हैं। समाज में नजरिया बदलने की जरूरत है। बेटियां मां सीता, देवी दुर्गा, गौरी, पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं और 21वीं सदी में किसी भी मायने में लड़कों से कमतर नहीं हैं। मेरी बेटी मेरा गर्व है।”
शिक्षकों और परिवार को दिया सफलता का श्रेय
रुही ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा अपने शिक्षकों और कोचिंग संस्थान को भी दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। उनके दादा-दादी के आशीर्वाद और उनके शिक्षकों की मेहनत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिता ने बेटी को दिया आशीर्वाद
रुही के पिता राकेश कुमार, जो दो बार पंचायत के मुखिया रह चुके हैं और आज भी समाजसेवा में सक्रिय हैं, ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा—
“यह रिजल्ट तो मात्र एक झांकी है, रुही की अंतहीन उड़ान अभी बाकी है।”
रुही की इस उपलब्धि पर पूरे गांव और परिवार में खुशी की लहर है। उनकी सफलता से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
