अक्षय तृतीया पर बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ: जिले के कई प्रखंडों में धर्मगुरुओं और पुरोहितों ने लिया संकल्प

नालंदा (बिहार) : अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में आइडिया संस्थान द्वारा एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना था। इस अभियान को देश के सबसे बड़े नागरिक समाज नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोग प्राप्त है।
अभियान के तहत जिले के प्रमुख मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर धर्मगुरुओं और पुरोहितों को बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की शपथ दिलाई गई। इन कार्यक्रमों में समाज के प्रतिष्ठित तीर्थ पुरोहितों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया और बाल विवाह उन्मूलन के अभियान को अपना नैतिक समर्थन दिया।
राजगीर के तीर्थ पुरोहित सचिव विकास उपाध्याय, दिवाकर पंडा, राजीव पंडा, महेश पंडा, दीपू पंडा, पिंटू पंडा समेत कई अन्य पुरोहितों ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि समाज में बदलाव लाने की शुरुआत धर्मस्थलों से होनी चाहिए। उन्होंने बाल विवाह के विरुद्ध आवाज़ उठाने का संकल्प लिया और समाज को इस दिशा में जागरूक करने की बात कही।

कार्यक्रम में आइडिया संस्थान के समन्वयक मंटू कुमार, उज्ज्वल कुमार, विवेक, अश्विनी, गंगोत्री, शुशीला देवी तथा मनीराम अखाड़े के पुजारी सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
यह अभियान जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के बाल विवाह मुक्त भारत कैंपेन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक देश से बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को पूर्णतः समाप्त करना है।
इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराएंगे और इसके उन्मूलन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।