पर्यटकों की सुरक्षा के लिए रत्नागिरी पर्वत पर एनडीआरएफ की मॉक ड्रिल अभ्यास

नालंदा जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर एनडीआरएफ (NDRF) की 9वीं बटालियन द्वारा एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और रोपवे पर संभावित आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना था।
ड्रिल में यह प्रदर्शित किया गया कि यदि रोपवे पर पर्यटक फंस जाएं या किसी कारणवश रोपवे से गिर जाएं, तो उन्हें किस तरह से सुरक्षित बचाया जा सकता है। एनडीआरएफ की टीम ने आधुनिक उपकरणों और अपने अनुभव का उपयोग करते हुए बचाव अभियानों का सटीक प्रदर्शन किया। ड्रिल के दौरान पर्यटकों को बचाने के लिए रस्सियों, रेस्क्यू उपकरणों और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।

प्रबंधक और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
रोपवे प्रबंधक दीपक कुमार ने कहा: “रोपवे का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना जरूरी है। इस मॉक ड्रिल से हमारी टीम को यह समझने में मदद मिली है कि ऐसे हालात में तेजी और प्रभावी तरीके से काम कैसे किया जाए।”
राजगीर अंचल के सीओ अनुज कुमार ने कहा: “राजगीर में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एनडीआरएफ के सहयोग से की गई यह मॉक ड्रिल आपात स्थितियों में हमारी क्षमता और तैयारी को और मजबूत बनाती है।”
महत्व और परिणाम
राजगीर बिहार का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां रत्नागिरी पर्वत पर स्थित रोपवे पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इस मॉक ड्रिल ने रोपवे प्रबंधन और प्रशासन को आपदा प्रबंधन के लिए और अधिक तैयार किया है। साथ ही, इसने पर्यटकों में सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ाने का काम किया है।
इस अभ्यास से यह सुनिश्चित हुआ कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की इस पहल को पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने सराहा।
