नालंदा पुलिस का साइबर ठगों पर बड़ा प्रहार: मैरा गांव से तीन आरोपी रंगे हाथ गिरफ्तार, लैपटॉप-फोन और नकदी बरामद

कतरीसराय (नालंदा): साइबर ठगी को जड़ से समाप्त करने के लिए नालंदा पुलिस लगातार सक्रिय है। पुलिस प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया, ध्वनि विस्तारक यंत्रों और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे विभिन्न माध्यमों से लोगों को सतर्क किया जा रहा है, जिसका सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है।
इसी क्रम में आरक्षी अधीक्षक नालंदा के निर्देश पर राजगीर डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने विशेष अभियान चलाते हुए कतरीसराय थाना क्षेत्र के मैरा गांव में एक घर में छापेमारी की। इस कार्रवाई में तीन साइबर ठगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद इमरान (पिता– मोहम्मद सरफराज), नितीश कुमार (पिता– भोला चौधरी) और संकुल कुमार (पिता– सुनील मिस्त्री) के रूप में हुई है। सभी आरोपी मैरा गांव, थाना कतरीसराय, जिला नालंदा के निवासी हैं।
छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से साइबर ठगी में प्रयुक्त एक लैपटॉप, आठ स्मार्टफोन और ₹37,200 नगद बरामद किए गए। जब्त किए गए मोबाइल और लैपटॉप से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के फर्जी विज्ञापन से संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं। इसके अतिरिक्त, उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी से संबंधित प्राथमिकी भी दर्ज पाई गई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी विभिन्न फाइनेंस कंपनियों के नाम पर लोन देने का झांसा देकर आम जनता से ठगी किया करते थे। विशेष निगरानी के तहत मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर इन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया।
छापेमारी टीम में एएसआई मनीष कुमार, एएसआई रूदल पासवान, एएसआई संजय दास, एएसआई स्वीटी सोरेन सहित दर्जनों पुलिसकर्मी शामिल थे।
इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि स्थानीय थाना क्षेत्र और सीमावर्ती जिलों के कई गांवों में साइबर ठगी एक लघु उद्योग जैसा बन गया था। इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। मैरा गांव में की गई छापेमारी इसी अभियान का हिस्सा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है और उनके सहयोगियों को भी चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।