नायरा कुमारी हत्याकांड: निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पटना में धरना प्रदर्शन

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पटना: बहादुरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नायरा कुमारी हत्याकांड (कांड संख्या 377/24) में न्याय की मांग को लेकर पीड़िता के परिजनों और अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा तथा रविदास एकता संगठन के नेतृत्व में पटना के जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया।

धरना को संबोधित करते हुए अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदेव चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष सह संस्थापक बलराम साहब ने कहा कि “सुशासन बाबू के राज्य में दलित, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।”

मामले का विवरण

नेताओं ने बताया कि नायरा कुमारी, जो गुरुदेव पारा मेडिकल कॉलेज, संदलपुर में बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी प्रथम वर्ष की छात्रा थीं, को 8 सितंबर 2024 को कॉलेज के प्रिंसिपल और उनके सहयोगियों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक गैंग हत्या का शिकार बनाया गया। हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए उसे पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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मृतका के परिजनों को मोबाइल पर सूचना देकर बताया गया कि नायरा की मृत्यु हो चुकी है। परिवार की अनुपस्थिति में पोस्टमॉर्टम कर दिया गया और किसी प्रकार की वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। परिजनों के दबाव और नोकझोंक के बाद ही मामला दर्ज हुआ। आरोप है कि बहादुरपुर थाना अध्यक्ष ने अपराधियों से गठजोड़ कर SC/ST एक्ट को FIR में शामिल नहीं किया। जब इस पर सवाल किया गया, तो थाना अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी घटनाएं हर महीने घटती रहती हैं।

मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया

धरने के दौरान 9 सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी पटना को सौंपा गया। प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. घटना में संलिप्त दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर स्पीड ट्रायल के तहत फांसी की सजा दी जाए।
  2. मामले में SC/ST एक्ट और अन्य सुसंगत धाराएं जोड़ी जाएं।
  3. गुरुदेव पारा मेडिकल कॉलेज को तत्काल बंद किया जाए।
  4. कॉलेज के छात्रों को अन्य कॉलेज में स्थानांतरित कर उनका शिक्षण सत्र पूरा कराया जाए।
  5. पीड़ित परिवार को ₹1 करोड़ मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए।
  6. लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।
  7. मामले की जांच CBI से कराई जाए और दोषियों का नार्को टेस्ट कराया जाए।
  8. पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
  9. कॉलेज के छात्रों के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लोन को माफ कर नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाए।

धरना में भाग लेने वाले प्रमुख लोग

धरना में अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के नालंदा जिला महासचिव उमेश पंडित, अखिल भारतीय रविदासिया धर्म के प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार, मृतका की मां सीमा कुमारी, पिता बच्चू दास, और अन्य परिजन जैसे संदीप कुमार, पीयूष कुमार, आलोक कुमार, चंदन कुमार, रवि पासवान, ऋद्धानंद पासवान, कुसुम देवी, शारदा देवी, उमेश दास, शिवकुमार दास, पुदीना रविदास, राजेश रविदास सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।

धरना के दौरान वक्ताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था अपराधियों के हाथ का खिलौना बन गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों को न्यायालय के माध्यम से सख्त सजा नहीं दी गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

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