राजकीय पक्षी गौरैया के संरक्षण हेतु मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने दिलाया संकल्प, कहा – “हर रविवार – पर्यावरण के नाम” करें पौधारोपण

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विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार द्वारा संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार एवं सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी द्वारा किया गया। इस अवसर पर मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने गौरैया संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन को लेकर प्रदेशवासियों को संकल्प दिलाया और “हर रविवार – पर्यावरण के नाम” अभियान की शुरुआत करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान नेचर एजुकेशन लाइब्रेरी का अवलोकन किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण व जैव विविधता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रभावी माध्यम होगा। मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने गौरैया संरक्षण के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा, “गौरैया केवल एक पक्षी नहीं, बल्कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें पर्यावरण के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का एहसास कराती है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमें तेजी से काम करने की जरूरत है। पटना से लेकर सुदूर गांवों तक लोगों को जागरूक करना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने बताया कि उनके बिहारशरीफ स्थित आवास पर आज भी 50 से अधिक गौरैया नियमित रूप से आती हैं, जो जैव विविधता के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण है।

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मंत्री ने बिहारवासियों से राज्य सरकार द्वारा 2028 तक निर्धारित 17% हरित आवरण के लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करने में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक परिवार हर रविवार को अपने परिजनों के नाम पर एक पौधा लगाए और इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाए। उन्होंने कहा, “अगर हम सब मिलकर अपने परिवार के नाम से एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें, तो आने वाले वर्षों में बिहार को हरियाली से भर सकते हैं।”

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने गौरैया संरक्षण के उपायों पर चर्चा की, जिसमें घरों में नेस्ट बॉक्स लगाने, खुले में दाना-पानी रखने और जैव विविधता संरक्षण के उपाय शामिल थे। बिहार सरकार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण को एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि हर नागरिक इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभाए, तो आने वाले वर्षों में बिहार न केवल गौरैया संरक्षण बल्कि हरित आवरण बढ़ाने में भी मिसाल कायम कर सकता है।

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इस अवसर पर “गौरैया बिहार” मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया। यह ऐप गौरैया संरक्षण से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा और आम नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने का कार्य करेगा। गौरैया संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए ओपन थिएटर परिसर में नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया, जिसमें पर्यावरण प्रेमियों, विद्यार्थियों और आम जनता ने भाग लिया। उपस्थित सभी लोगों ने गौरैया संरक्षण का संकल्प लिया और अपने घरों एवं आसपास के वातावरण में गौरैया के अनुकूल माहौल बनाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में पद्मश्री सुधा वर्गीज, विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी, PCCF (Hoff) श्री प्रभात कुमार गुप्ता, पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल सहित विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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