जनजीवक संघ नालंदा द्वारा कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण का आयोजन

बिहार शरीफ (नालंदा) : कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए जनजीवक संघ नालंदा के द्वारा संघ कार्यालय, भरावपर एक दिवसीय प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनर (RMP) उपस्थित हुए।
प्रशिक्षण सत्र में बिहारशरीफ के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विरमानी कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने ग्रामीण प्रैक्टिशनरों को बताया कि—
- भोजन से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- बार-बार अपने चेहरे को हाथों से छूने से बचें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें।
- अस्वच्छ जल का सेवन न करें।
- फास्ट फूड से परहेज करें और गर्मी को देखते हुए हल्का व सुपाच्य भोजन करें।
- सर्दी-जुकाम या हल्का बुखार होने पर घबराएं नहीं, बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराएं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के महासचिव और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के सक्रिय सदस्य डॉ. विपिन कुमार सिन्हा ने की। उन्होंने कहा कि पिछले कोरोना काल में आरएमपी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाई थी, और इस बार भी उनकी भूमिका को सशक्त करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आरएमपी न केवल प्राथमिक उपचार करते हैं, बल्कि गांवों में कम खर्च में स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करते हैं, जिससे वे ग्रामीणों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
इस अवसर पर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अनिल कुमार अकेला ने आरएमपी की सराहना करते हुए कहा कि यदि ये ग्रामीण चिकित्सक न हों, तो गांव के लोगों को शहर जाकर उपचार कराने में काफी खर्च और परेशानी उठानी पड़ती है। आरएमपी चिकित्सक सीमित संसाधनों में ही प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कर देते हैं, जो सराहनीय है।

इस मौके पर संघ के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार, सचिव डॉ संजय कुमार, डॉ भोला प्रसाद, डॉक्टर नवीन कुमार, डॉ ओमप्रकाश, डॉक्टर देवेंद्र कुमार, डॉक्टर कुंदन कुमार, डॉक्टर किशोरी प्रसाद, सीमा कुमारी, सुनीता सिन्हा सहित सैकड़ो आरएमपी सदस्य उपस्थित थे।