कतरीसराय पीएचसी में हड़ताल का असर: ओपीडी सेवा बंद, मरीज परेशान

संवाद सूत्र, कतरीसराय: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कतरीसराय में दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। ओपीडी सेवा बंद रहने से मरीज और उनके परिजन दिनभर परेशान रहे।
हड़ताल का कारण:
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर पीएचसी के चिकित्सक तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप है। यह हड़ताल शनिवार तक जारी रहेगी।
क्या है ओपीडी सेवा?
ओपीडी सेवा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित होती है, जिसमें मरीजों का निबंधन किया जाता है, फिर चिकित्सक उनकी जांच कर उचित परामर्श और सरकारी स्तर पर उपलब्ध दवाएं देते हैं। इससे मरीजों को सही इलाज के साथ-साथ अनावश्यक खर्च से भी बचाव होता है।
मरीजों की परेशानी:
इलाज के लिए आए सुंदरपुर गांव के रामाशिष यादव ने बताया, “मुझे बुखार आ रहा है, खाना नहीं पच रहा और चक्कर भी आ रहा है। जब पीएचसी आया तो पता चला कि हड़ताल के कारण इलाज नहीं होगा। बहुत अनुरोध करने पर डॉक्टर ने सादा पर्ची पर दवा लिख दी और बाहर से दवा लेने को कहा। मेरे पास पैसे नहीं हैं, अब क्या करें?”
इसी तरह, कतरी डिह निवासी जामवंत रविदास अपने छोटे बच्चे को दिखाने आए थे। डॉक्टर अमित कुमार ने उन्हें भी सादा पर्ची पर दवा लिखकर बाहर से लेने को कहा। मरीज ने पर्ची लेने से इनकार कर दिया और नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर दवा बाहर से ही लेनी है तो हम बाहर ही इलाज करवा लेंगे!”
इस हड़ताल के कारण कई मरीजों को बिना इलाज लौटते देखा गया। हालांकि, इमर्जेंसी सेवा जारी है, लेकिन ओपीडी बंद रहने से आमजन को भारी परेशानी हो रही है।
क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी?
पीएचसी प्रभारी डॉ. पिंकी वर्णवाल ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के निर्देशानुसार चिकित्सक हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- सभी अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए।
- कार्यरत चिकित्सकों के लिए रेसिडेंशियल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
अगर सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
