होम्योपैथिक साइंस कांग्रेस 2025 का भव्य आयोजन

पटना के शास्त्री नगर स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. बी. सहनी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में होम्योपैथिक साइंस कांग्रेस 2025 का दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के अति पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री हरि सहनी, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के सदस्य डॉ. आनंद चतुर्वेदी, एचएमएआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रामजी सिंह, होम्योपैथिक साइंस कांग्रेस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एम. के. सहनी, एचएमएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. श्यामल मुखर्जी, महासचिव डॉ. ए. के. गुप्ता, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता के निदेशक डॉ. सुभाष सिंह, और बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय के होम्योपैथी संकाय के डीन डॉ. भरत कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही, डॉ. हनिमैन और डॉ. बंधु सहनी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
होम्योपैथी चिकित्सा का योगदान
मंत्री श्री हरि सहनी ने अपने संबोधन में कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में होम्योपैथी का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोनाकाल में होम्योपैथिक दवाओं ने कई लोगों की रक्षा की, जिससे यह सिद्ध होता है कि यह पद्धति प्रभावी और उपयोगी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होम्योपैथी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। बिहार में आयुष चिकित्सकों की बड़ी संख्या में अस्पतालों में बहाली हो रही है, जिससे इस क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी।
उन्होंने डॉ. बी. सहनी को महान खोजकर्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने होम्योपैथी की डायनामिक मेडिसिन के संचरण की पद्धति में क्रांतिकारी बदलाव किया, जो चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

होम्योपैथिक साइंस कांग्रेस 2025 का महत्व
कार्यक्रम के प्रवक्ता डॉ. बृजमोहन प्रसाद ने बताया कि बिहार में इस स्तर का अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी सम्मेलन पहली बार आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह धारणा थी कि होम्योपैथी चिकित्सा देर से असर करती है, लेकिन अब यह धारणा समाप्त हो चुकी है। होम्योपैथी के माध्यम से कई जटिल बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता सिद्ध होती है।
इस आयोजन में 800 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं। साथ ही, होम्योपैथिक दवाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रही।

मुख्य आकर्षण एवं विमोचन समारोह
आयोजन के दौरान कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों में होम्योपैथिक दृष्टिकोण पर विशेष प्रस्तुति दी गई, जो इस सेमिनार का मुख्य आकर्षण रही। इस अवसर पर डॉ. एम. के. सहनी और अमित सहनी द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन एवं स्मारिका का प्रकाशन भी किया गया।
आयोजन समिति के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह सेमिनार होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है, जो इस चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगी।
