नालंदा के कराटे खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन, 26 पदकों के साथ जिले का नाम किया रोशन

रजनीश (नालंदा) : पटना के प्रतिष्ठित संत डोमिनिक हाई स्कूल में आयोजित 5वें ऑल इंडिया रिपब्लिक कप कराटे प्रतियोगिता 2025 में नालंदा के युवा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। नालंदा हेल्थ क्लब के 13 खिलाड़ियों ने इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 11 स्वर्ण, 7 रजत और 8 कांस्य पदक जीतकर जिले का गौरव बढ़ाया।
प्रतियोगिता में 500 प्रतिभागियों की भागीदारी
इस प्रतियोगिता में देश भर से लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके बावजूद नालंदा के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी कड़ी मेहनत और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया। खास तौर पर शिवेश राज और सुजेन श्रेष्ठ ने दो-दो स्वर्ण पदक जीतकर शानदार उपलब्धि हासिल की। वहीं, स्वर्निश ने एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक अपने नाम किया।
पदक विजेताओं की सूची:
- स्वर्निश: 1 स्वर्ण, 1 कांस्य
- साक्षी कुमारी: 1 स्वर्ण, 1 कांस्य
- सृष्टि सौम्या: 1 रजत, 1 कांस्य
- राहीनी राज: 1 रजत, 1 कांस्य
- राधवी गुप्ता: 1 स्वर्ण, 1 कांस्य
- रिद्धम गुप्ता: 2 रजत
- शिवेश राज: 2 स्वर्ण
- उत्सव जैन: 1 स्वर्ण, 1 कांस्य
- आकर्ष कुमार: 1 स्वर्ण, 1 रजत
- सुजेन श्रेष्ठ: 2 स्वर्ण
- अमन राज: 1 स्वर्ण, 1 कांस्य
- मयंक कुमार रावत: 1 रजत, 1 कांस्य
- प्रदयुश प्रकाश: 1 स्वर्ण, 1 रजत
प्रशिक्षक की प्रतिक्रिया
नालंदा हेल्थ क्लब के मुख्य कराटे प्रशिक्षक क्योशी संजय कुमार खड्गी ने कहा, “आज के डिजिटल युग में जहां बच्चे मोबाइल स्क्रीन पर समय व्यतीत करते हैं, वहां मार्शल आर्ट जैसी विधाएं शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता और अनुशासन भी विकसित करती हैं। हमारे खिलाड़ियों ने साबित किया है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से बिहार की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ सकती हैं।”
उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलों में भी प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह की उपलब्धियां बच्चों को आत्मविश्वास और बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करेंगी।

अभिभावकों की प्रतिक्रिया
स्वर्णिश के पिता रिशु कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “बेटियां किसी से कम नहीं हैं। यदि उन्हें खुलकर अपनी इच्छाओं को पूरा करने का अवसर दिया जाए, तो वे परिवार और देश दोनों के लिए गर्व का कारण बन सकती हैं।”
प्रतियोगिता में निष्पक्षता और अनुशासन
प्रतियोगिता की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ जज और रेफरी नियुक्त किए गए थे। इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागियों को अपना कौशल दिखाने का मौका दिया, बल्कि मार्शल आर्ट के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी योगदान दिया।
नालंदा के खिलाड़ियों की सफलता का महत्व
नालंदा के खिलाड़ियों ने अपनी तकनीकी क्षमता और अनुशासन से यह साबित कर दिया कि खेल के क्षेत्र में भी वे किसी से पीछे नहीं हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल जिले बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय है।
यह सफलता नालंदा और बिहार में मार्शल आर्ट के उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करती है। युवा पीढ़ी अब खेल और शिक्षा में संतुलन बनाते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने को तैयार है।
