जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव: पंचाने नदी किनारे कचरा प्रबंधन की अनदेखी से ग्रामीणों में आक्रोश

नालंदा: पंचाने नदी के किनारे कचरा और मृत पशुओं को अवैध रूप से फेंके जाने के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। 26 दिसंबर 2026 को राणा विगहा में इस गंभीर समस्या को लेकर प्रदर्शन के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन का नेतृत्व शिवकुमार यादव, अधिवक्ता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य, ने किया। उन्होंने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट से त्रस्त ग्रामीण
शिवकुमार यादव ने बताया कि पंचाने नदी के किनारे मौजा लखरावां, कोसुक, राणा विगहा, सिपाह और पचौड़ी क्षेत्रों में अवैध रूप से कचरा और मृत पशु डंप किए जा रहे हैं। यह क्षेत्र शैक्षणिक संस्थानों और हजारों की आबादी से घिरा हुआ है, जिससे जहरीले धुएं और बदबू के कारण स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सांस संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रदूषण के कारण इन क्षेत्रों का वातावरण बेहद जहरीला हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंचाने नदी और राजगीर रोड के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह क्षेत्र अब प्रदूषण का केंद्र बन गया है।

जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि 29 फरवरी 2024 को जिला पदाधिकारी ने नगर निगम और नगर आयुक्त को जैविक उपचार (बायोरेमिडिएशन) प्रक्रिया के तहत कचरे का निस्तारण करने का निर्देश दिया था। लेकिन आज तक इस आदेश का पालन नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
हाई कोर्ट में मामला लंबित, फिर भी लापरवाह प्रशासन
शिवकुमार यादव ने बताया कि पंचाने नदी के किनारे जमा कचरे को लेकर पटना हाई कोर्ट में मामला लंबित है। इसके बावजूद प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि स्थानीय निवासियों की जान के लिए भी खतरा बन गई है।

ग्रामीणों ने दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से कचरा डंपिंग को तुरंत रोकने और पहले से जमा कचरे को हटाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि हालात बिगड़े, तो इसके लिए जिला प्रशासन, नगर आयुक्त और नगर निगम पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
समस्या का शीघ्र समाधान जरूरी
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि समय रहते इस समस्या का समाधान किया जाए, ताकि लोग प्रदूषण और बीमारियों से राहत पा सकें। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो वे इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग
प्रदर्शन में शिवकुमार यादव के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण, छात्र, किसान और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की और प्रदूषण मुक्त क्षेत्र की अपील की।
