वास्तु विहार फेज-2 के उपभोक्ताओं ने थाने का घेराव, पार्क तोड़ने पर जताया विरोध

बिहारशरीफ (नालंदा) – नालंदा जिले के गुलाब बीघा स्थित वास्तु विहार फेज-2 के उपभोक्ताओं ने सोमवार देर शाम करीब तीन घंटे तक नालंदा थाना का घेराव किया और अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाई। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ पर रोक के बावजूद, पूर्व प्रोजेक्ट मैनेजर रौशन कुमार, वर्तमान प्रोजेक्ट मैनेजर शब्बीर खान, प्रेमजीत कुमार सिंह और प्रिंस झा ने 30-35 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर बुलडोजर की मदद से पार्क और बाहरी दीवार को तोड़ डाला।

महिलाओं के साथ अभद्रता का आरोप
उपभोक्ताओं ने बताया कि घटना के समय सोसायटी के अधिकांश लोग अपने काम से बाहर थे। दीवार गिरने की आवाज सुनकर सोसायटी में मौजूद महिलाएं विरोध करने पहुंचीं, लेकिन पूर्व प्रोजेक्ट मैनेजर रौशन कुमार ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और यहां तक कि उन्हें धमकी दी कि वे उनके ऊपर बुलडोजर चढ़ा देंगे।
पुलिस और प्रबंधन पर मिलीभगत का आरोप
वास्तु विहार फेज-2 के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार, सचिव शैलेन्द्र प्रसाद, सहायक सचिव प्रेमजीत कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि यह घटना पहले भी हो चुकी है। 4 अक्टूबर को भी प्रोजेक्ट मैनेजर और उनकी टीम बुलडोजर लेकर दीवार तोड़ने पहुंचे थे, लेकिन महिलाओं के विरोध के कारण वे वापस लौट गए थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। एसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नालंदा थाना पुलिस को निर्देश दिया था कि जब तक रेरा का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक वास्तु विहार फेज-2 में किसी प्रकार की तोड़फोड़ न की जाए। बावजूद इसके, स्थानीय थाना की मिलीभगत से सोमवार को इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया।

उपभोक्ताओं को ठगे जाने का आरोप
वास्तु विहार फेज-2 के उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें विश्वस्तरीय टाउनशिप का सपना दिखाकर यहां आवास बेचा गया था। इसमें स्विमिंग पूल, बच्चों के लिए खेल मैदान, 24 घंटे बिजली-पानी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और सुरक्षा जैसी सुविधाओं का वादा किया गया था। इसके अलावा, रेरा को यह लिखित में बताया गया था कि आवासीय परिसर की जमीन पर कोई विवाद नहीं है।
हालांकि, उपभोक्ताओं का कहना है कि इस जमीन पर पहले से ही न्यायालय में मामला लंबित था, जिसके चलते इसे मालिकाना हक से वंचित कर दिया गया। 9 मई 2022 को रेरा में यह कहा गया था कि इस आवासीय परिसर को स्थानीय नगर पंचायत को सौंप दिया जाएगा, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ।
खाली जमीन बेचने का आरोप
उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि वास्तु विहार प्रबंधन अब खाली पड़ी जमीन को बेच रहा है, जिससे उपभोक्ता ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उपभोक्ताओं ने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहराई से जांच हो और उनके साथ न्याय किया जाए।
पुलिस की प्रतिक्रिया
फिलहाल, पुलिस ने उपभोक्ताओं के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाएगा।
