CM नीतीश का मधुबनी दौरा: 140 परियोजनाओं का शिलान्यास, IAS को लगाई फटकार, 1000 करोड़ की सौगात

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान मधुबनी पहुंचे। सुबह 10:50 बजे दुर्गीपट्टी में हेलिकॉप्टर से उतरने के बाद उन्होंने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया और 140 परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए लगभग 1000 करोड़ रुपए की सौगात दी।

इस दौरान एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक जीविका दीदी मुख्यमंत्री को दुपट्टा देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे नजरअंदाज कर दिया। बाद में मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से संवाद करते हुए कहा, “याद है न मुख्यमंत्री का काम। आप सभी का पहनावा भी अब बेहतर हो गया है। जहां भी जाता हूं, जीविका दीदियों से मिलना जरूर होता है।”

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मुख्यमंत्री ने एक आईएएस अधिकारी को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “आप मेरी बात नहीं समझ रहे। आप कुछ नहीं जानते। 2006 में हमने स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की थी। जब बिहार में 2005 में सरकार बनाई, तो यहां इसकी कमी देखी। इसके बाद कर्ज लेकर इसे शुरू किया और महिलाओं को जीविका दीदियों का नाम दिया।”

दुर्गीपट्टी में मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र, अनुसूचित जाति दालान, हर घर नल-जल योजना और पक्की नाली-गली योजना का जायजा लिया। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, अमृत सरोवर सौंदर्यीकरण और मनरेगा के तहत बने पार्क का भी उद्घाटन किया।

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खजौली प्रखंड के सुक्की गांव में मुख्यमंत्री ने पुरानी कमला-जीवछ नदी इंटरलिंकिंग परियोजना का निरीक्षण किया। झंझारपुर प्रखंड के संग्राम में सुगरवे रिवर फ्रंट सहित अन्य योजनाओं का उद्घाटन किया। NH-57 पर स्थित पश्चिमी कोशी नहर के अंतिम छोर का भी निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों ने महिलाओं के जीवन स्तर और सम्मान को ऊंचा किया है। यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने मुख्यमंत्री की इस यात्रा को क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिचायक बताया।

स्थानीय सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे से क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी। उनकी उपस्थिति से लोगों की समस्याओं का मौके पर समाधान हो रहा है।

मुख्यमंत्री आगामी दिनों में मिथिला की संस्कृति, खानपान और निवेश की संभावनाओं का आकलन करेंगे। साथ ही कोशी नहर और कमला नदी को पुनर्जीवित करने की परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। उनकी घोषणाओं से स्थानीय लोगों में विकास को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।

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