साइबर ठगी के कलंक को मिटाने की मुहिम तेज, पुलिस और जनप्रतिनिधि कर रहे जागरूकता अभियान

कतरीसराय (नालंदा) – थाना क्षेत्र में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए पुलिस और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर जागरूकता अभियान तेज कर दिया है। घर-घर जाकर पुलिसकर्मी और स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों को साइबर अपराध के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इस पहल से प्रभावित होकर स्थानीय लोग भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं।
विडंबना यह है कि केवल बरीठ गांव ही नहीं, बल्कि थाना क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन गांवों में साइबर ठगी एक लघु उद्योग का रूप ले चुकी है। इसे जड़ से खत्म करना एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने स्वीकार करते हुए सराहनीय कदम उठाया है। इस अभियान को पुलिस अधिकारियों और आम जनता का समर्थन मिल रहा है।

डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान
कतरीसराय थाना क्षेत्र में साइबर ठगी के हॉटस्पॉट (अति संवेदनशील) गांव कहे जाने वाले बरीठ में राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में, गिरियक पुलिस निरीक्षक मनीष भारद्वाज और थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर साइबर ठगी रोकने के लिए डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान चलाया।
इस दौरान लोगों से अपील की गई कि वे स्वयं या अपने परिवार के किसी सदस्य को साइबर ठगी जैसे अपराध में शामिल होने से रोकें। साथ ही, गांव और समाज से इस अपराध के कलंक को मिटाने में पुलिस का सहयोग करें।

थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी की सक्रिय पहल
थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी लगातार साइबर ठगी को रोकने के लिए सोशल मीडिया, जन-जागरूकता अभियानों और छापेमारी के जरिए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी कर रहे हैं। इसके अलावा, गिरफ्तार साइबर ठगों की काउंसलिंग कर उन्हें सुधारने का प्रयास भी कर रहे हैं।
उनकी इस पहल को सामाजिक दृष्टिकोण से एक सराहनीय प्रयास माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के इस संयुक्त प्रयास से साइबर ठगी पर कितना अंकुश लगाया जा सकता है।
अभियान में शामिल गणमान्य लोग
इस जागरूकता अभियान में जिला परिषद सदस्य कौशलेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रमुख धनंजय प्रसाद, पूर्व सरपंच विनोद पंडित, मुखिया पति अनिरुद्ध कुमार अन्नू, पूर्व उप मुखिया पवन कुमार सहित दर्जनों स्थानीय लोग शामिल थे।
