बिहार विधानसभा चुनाव: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

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गिरियक (नालंदा): बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर गिरियक प्रखंड अंतर्गत रैतर पंचायत के रैतर गांव में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस प्रक्रिया के तहत बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र भरकर मतदाताओं का विवरण सत्यापित किया जा रहा है।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे, और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो। बीएलओ द्वारा पुराने रिकॉर्ड की जांच कर जहां आवश्यक हो, नाम जोड़े या हटाए जा रहे हैं।

गिरियक प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पवन कुमार ठाकुर ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में कुल 69 बीएलओ कार्यरत हैं, जो इस कार्य को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसमें नागरिकों का विवरण संकलित कर पुराने दस्तावेज़ों से तुलना की जा रही है। इसके आधार पर फर्जी या मृत मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।

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निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों द्वारा वितरण कार्य की प्रगति, फॉर्म की उपलब्धता, दर्ज विवरण की गुणवत्ता और त्रुटिरहित प्रविष्टियों की समीक्षा की जा रही है।

इस दौरान बीएलओ सहायक शिक्षिका सरिता कुमारी कुशवाहा ने बताया कि 2004 से पहले और 1987 के बाद जन्मे नागरिकों के लिए यदि उनके पास निम्नलिखित 11 दस्तावेजों में से कोई एक प्रमाण पत्र उपलब्ध है, तो उनका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। इन दस्तावेजों में शामिल हैं – पासपोर्ट, जमीन की रसीद, मैट्रिक का अंकपत्र/प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र आदि।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी महिला की शादी 2004 के बाद हुई है और वह अपने ससुराल में मतदाता के रूप में नाम जुड़वाना चाहती है, तो उनके मायके का कोई भी प्रमाण पत्र (जो 2004 के पहले का हो) मान्य माना जाएगा।

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