भारत के लाल मधुरेंद्र होंगे लंदन में सम्मानित, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से मिला चयन पत्र, बिहार में खुशी की लहर

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पटना (बिहार) : बिहार की माटी में जन्मे और अपनी अनूठी रेत कला से अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुके सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें सम्मानित करने के लिए चयनित किया है। यह सम्मान ब्रिटिश संसद (British Parliament), लंदन में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।

30 वर्षीय मधुरेंद्र कुमार को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने तथा रेत कला में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जा रहा है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने उन्हें चयन की जानकारी ईमेल के माध्यम से औपचारिक रूप से दी है।

इस ऐतिहासिक चयन के साथ ही मधुरेंद्र कुमार भारतीय कला इतिहास में वह पहले रेत कलाकार बन गए हैं, जिन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में सम्मानित किया जाएगा। मधुरेंद्र की इस उपलब्धि पर न सिर्फ उनके परिवार और प्रशंसकों में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे बिहार को उन पर गर्व है।

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मधुरेंद्र ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि भारत और विशेषकर बिहार की कला और संस्कृति का सम्मान है। मैं देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं।”

मधुरेंद्र की उपलब्धि पर राज्य भर से शुभकामनाओं का तांता लग गया है। कला प्रेमियों, छात्र-छात्राओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न संगठनों ने उन्हें बधाई दी है और आने वाले समय में और भी ऊंचाइयों को छूने की कामना की है।

बिहार से निकलकर लंदन तक का यह सफर मधुरेंद्र के समर्पण, कलाnnm के प्रति जुनून और निरंतर अभ्यास का प्रमाण है। उनके इस सम्मान से भारतीय रेत कला को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है।

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