सदर आलम मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल में वार्षिक खेल प्रतियोगिता संपन्न

रिपोर्ट: रजनीश, बिहारशरीफ, नालंदा मोहनपुर स्थित सदर आलम मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल में वार्षिक खेल प्रतियोगिता का भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में विभिन्न रंगारंग और उत्साहजनक कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रतियोगिता में 400 मीटर दौड़, स्पून रेस, म्यूजिकल चेयर, डंबल ड्रिल, देशभक्ति नृत्य, बेबी फैशन शो जैसी गतिविधियों में बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस आयोजन में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और प्रत्येक खेल में अपनी अलग पहचान बनाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ
मुख्य अतिथि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर सुनील कुमार, विधान पार्षद रीना यादव, और अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बच्चों ने स्वागत परेड, स्वागत गान, नृत्य, संगीत, और ड्रिल प्रस्तुत कर अतिथियों का भव्य स्वागत किया। “मैं निकला गड्डी लेके” गाने पर बच्चों के नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अतिथियों का संबोधन
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ई. सुनील कुमार ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “खेल मानसिक तनाव दूर करने और शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे बड़ा माध्यम है। बच्चों को खेल के महत्व को समझना चाहिए और इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।”
विधान पार्षद रीना यादव ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “अनुशासन और समर्पण के साथ जीवन पथ पर आगे बढ़ने से उज्ज्वल भविष्य की कामना की जा सकती है, चाहे वह पढ़ाई हो या खेल।”
अधिवक्ता खुर्शीद आलम ने खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को एक अच्छे देशभक्त बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “कानून का सम्मान करना और अपने देश के प्रति समर्पण एक अच्छे नागरिक की पहचान है।”

विद्यालय के निदेशक खालिद आलम भुट्टो ने कहा, “खेल शिक्षा का अभिन्न अंग है और इसे पढ़ाई से अलग नहीं किया जा सकता। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करता है।”
मुख्य शाखा की प्राचार्या रूबीना निशात ने बच्चों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने और जीवन में अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। प्राचार्या गौसिया परवीन ने बच्चों को संस्कार और अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित किया।
पुरस्कार वितरण
आयोजन के अंत में, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों को अतिथियों द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत किया गया।
इस कार्यक्रम ने बच्चों के उत्साह और प्रतिभा को एक नई दिशा दी और विद्यालय के लिए गौरव का क्षण साबित हुआ।
