बिना दहेज की हुई आदर्श शादी, समाज के लिए बनी मिसाल

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पटना : नाइन टू नाइन विशाल बैंक्वेट हॉल, पटना में अर्पणा शर्मा और कुमार निर्मल ने विवाह के पवित्र बंधन में बंधकर एक नई शुरुआत की। इस शुभ अवसर के साक्षी सैकड़ों गणमान्य लोग बने।

बिहार सरकार के नवनियुक्त मंत्री एवं बिहारशरीफ विधानसभा के भाजपा विधायक डॉ. सुनील कुमार, जो आकस्मिक कारणवश शहर से बाहर थे, ने दूरभाष के माध्यम से वर-वधू को आशीर्वाद दिया। विवाह समारोह में राजगीर विधानसभा के लोकप्रिय विधायक कौशल किशोर, दुर्गापुर के पूर्व मुखिया राकेश कुमार, नवादा एवं रोह के अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित कई सम्मानित जनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद प्रदान किया।

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इस विवाह के सूत्रधार, आर. जी. एल. उच्च विद्यालय, छबीलापुर के सुप्रसिद्ध शिक्षक एवं नालंदा जिले में अनेक बार ‘उत्कृष्ट शिक्षक’ का सम्मान प्राप्त कर चुके अजय कुमार ने बताया कि यह शादी कई दृष्टिकोणों से समाज के लिए एक प्रेरणा है।

अर्पणा शर्मा के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, किंतु ऐसा प्रतीत हुआ कि आकाश से वे इस दृश्य को देखकर आनंदित हो रहे होंगे। वधू के छोटे मामा स्वामी शिवेंद्र कुमार, सुनील कुमार, अविनाश कुमार एवं अजय कुमार ने संयुक्त रूप से कन्यादान कर समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की। उस क्षण में उनके नेत्रों में खुशी के आँसू छलक उठे।

वर कुमार निर्मल के पिता, बैंक के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक श्री राम नरेश शर्मा ने भावुक होकर कहा, “आपकी बेटी अब मेरी बेटी हुई। जिस स्नेह से आपने उसे सौंपा है, उसे संवारने और सहेजने की पूरी ज़िम्मेदारी मेरी है।”

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अजय कुमार ने बताया कि विवाह की राह आसान नहीं थी। कई बार वर पक्ष इस आधार पर शादी से इनकार कर देते थे कि वधू के पिता नहीं हैं या उसका खुद का घर नहीं है। कुछ लोग पृष्ठभूमि पर प्रश्न उठाते थे।

लेकिन एक दिन राम नरेश बाबू और उनकी धर्मपत्नी मीरा कुमारी एक फरिश्ते की तरह आए और बोले, “अर्पणा उर्फ कोमल तो लक्ष्मी स्वरूपा है। अगर पिता नहीं हैं, घर-बार नहीं है तो क्या हुआ? भाग्य विधाता तय करता है – हम नहीं। मुझे एक चम्मच नहीं चाहिए, मुझे सिर्फ बेटी चाहिए।”

इसी सोच से अर्पणा का भाग्य चमका और वह कुमार निर्मल की जीवनसंगिनी बन गई। अजय कुमार ने नम आंखों से कहा,
“काश ऐसी सोच पूरे समाज की होती, तो दहेज रूपी दानव हमारी सभ्यता पर इस कदर हावी नहीं होता। राम नरेश बाबू जैसे लोगों को समाज सलाम करता है।”

वर पक्ष से राम नरेश शर्मा, मीरा कुमारी, बेंगलुरु एवं मुंबई से पधारे परिजन – बहन, बहनोई, भांजे-भांजी, फूआ-फूफा।
वधू पक्ष से – मामा-मामी, भाई अंकित कुमार, बहनें काजल कुमारी, श्वेता भारती, बीपीएससी शिक्षिका प्रियांशु, नेहा कुमारी, विश्वमोहन कुमार, उमेश शर्मा, राघवेंद्र शर्मा, जाह्नवी कुमारी, शाक्या कुमारी, तनीषा, तनु, श्रेष्ठ, पीयूष, आयुष, किसू, लड्डू, विवेक, अभिषेक, गोलू तथा नाना प्रभु ठाकुर एवं श्री चंद प्रसाद।

इस आयोजन में दुर्गापुर पंचायत के पूर्व मुखिया राकेश कुमार अपनी पत्नी एवं पुत्र संग विशेष रूप से शामिल हुए और विवाह को गरिमा प्रदान की।

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