सेवा, सादगी और संस्कार की मिसाल: शिक्षा की तपोभूमि से विदा हुए आचार्य बीरेन्द्र प्रताप सिंह

0
IMG-20250802-WA0160

राजगीर (नालंदा) : पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, राजगीर में दिनांक 02 अगस्त 2025 को विद्यालय के प्रचार-प्रसार प्रमुख एवं वरिष्ठ आचार्य बीरेन्द्र प्रताप सिंह के सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में “सेवा निवृत्ति विदाई सम्मान समारोह” का आयोजन अत्यंत गरिमामय, भावुक एवं स्मरणीय वातावरण में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ, जिसे विद्यालय के मुख्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से सम्पन्न किया। तत्पश्चात, विद्यालय के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा ने श्री बीरेन्द्र प्रताप सिंह का परिचय प्रस्तुत करते हुए उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों एवं समर्पण को रेखांकित किया।

1000807247

इस अवसर पर आचार्य रविशंकर शास्त्री ने श्री सिंह के साथ बिताए गए शिक्षकीय जीवन की मधुर स्मृतियाँ साझा कीं। उन्होंने श्री सिंह की कार्यशैली, अनुशासन, एवं विद्यार्थियों के प्रति उनके भावनात्मक जुड़ाव का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि वे विद्यालय के स्तंभ रहे हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में स्वयं बीरेन्द्र प्रताप सिंह ने मंच से अपने दीर्घ सेवाकाल के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विद्यालय परिवार, छात्र-छात्राओं, सहकर्मियों एवं अभिभावकों के सहयोग और स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया तथा कहा कि यह संस्था उनके जीवन का अभिन्न अंग रही है।

सम्मान समारोह के अंतर्गत श्री सिंह को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस गरिमामय सम्मान से विद्यालय परिवार ने उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

1000807238

अध्यक्षीय उद्बोधन विद्यालय के माननीय सचिव प्रो. राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने श्री सिंह को विद्यालय की “अमूल्य निधि” बताते हुए उनके योगदान को सदा स्मरणीय बताया।

श्री परमेश्वर कुमार ने कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों का आभार प्रकट किया।

मंच संचालन प्रभावशाली शैली में सत्य प्रकाश सिंह ने किया।

यह आयोजन न केवल एक शिक्षक के दीर्घ सेवाकाल को सम्मानित करने का अवसर था, बल्कि भावी शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बन गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!