19 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले शहीद रामफल मंडल को लोकतांत्रिक जल विकास पार्टी ने दी श्रद्धांजलि

आस्थावां (नालंदा) : लोकतांत्रिक जल विकास पार्टी द्वारा नालंदा जिले के अस्थावां विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सरमेरा प्रखंड स्थित पार्टी कार्यालय में अमर शहीद रामफल मंडल जी के 82वें शहादत दिवस का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आयोजन की अध्यक्षता पार्टी के जिला अध्यक्ष अरविंद धानुक ने की। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमर शहीद रामफल मंडल अंग्रेजी शासन के खिलाफ लोहे की तरह लड़ने को सदैव तैयार रहते थे।
रामफल मंडल जी का जन्म 6 अगस्त 1924 को बिहार के सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना अंतर्गत मधुरापुर गांव में हुआ था। मात्र 16 वर्ष की आयु में उनका विवाह जगपतिया देवी से हुआ था। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सीतामढ़ी के बाजपट्टी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई थी।

उस समय अंग्रेजों द्वारा सीतामढ़ी में हुए गोलीकांड में अनेक बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शहीद हो गए थे। इस नरसंहार के विरोध में 24 अगस्त 1942 को रामफल मंडल ने बाजपट्टी चौक पर अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देते हुए ब्रिटिश सरकार के तत्कालीन सीतामढ़ी अनुमंडल पदाधिकारी हरदीप नारायण सिंह, पुलिस निरीक्षक राममूर्ति झा, हवलदार श्यामलाल सिंह और चपरासी दरवेशी सिंह की हत्या कर दी थी।
इसके बाद अंग्रेजी शासन ने उन्हें 1 सितंबर 1942 को गिरफ्तार कर सीतामढ़ी जेल में डाल दिया। बाद में 5 सितंबर 1942 को उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। गिरफ्तारी के समय रामफल मंडल ने कहा था—
“भारत की आजादी के लिए मुझे फांसी भी मंजूर है, लेकिन मेरे परिवार का ख्याल आप लोग जरूर रखिएगा।”
ब्रिटिश सरकार ने उन पर मुकदमा चलाया और 23 अगस्त 1943 की सुबह, मात्र 19 वर्ष 17 दिन की आयु में, भागलपुर सेंट्रल जेल में उन्हें फांसी दे दी गई। देश की आजादी के लिए उन्होंने हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष विरमणी मंडल, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमोद कुमार, जिला सचिव श्रवण कुमार, योगेन्द्र कुमार, श्रीकांत प्रसाद, रामदेव प्रसाद, सुदामा महतो समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने उनके तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।