नालंदा में आलू बीज उत्पादन की नई शुरुआत, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत

नालंदा जिले में आलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है, जिसके तहत अब जिले में आलू के बीज का उत्पादन शुरू होगा। इससे किसानों को पंजाब पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे स्थानीय स्तर पर ही अच्छे गुणवत्ता के आलू बीज प्राप्त कर सकेंगे।
राजगीर में बीज उत्पादन की शुरुआत
इस पहल के तहत राजगीर के बीज गुणन प्रक्षेत्र में पहली बार कुफरी पोखराज वेरायटी के प्रजनक बीज (ब्रीडर सीड) से आधार बीज तैयार करने के लिए खेती शुरू की गई है। अगले साल इस आधार बीज से प्रमाणित बीज तैयार किया जाएगा, जिसे किसानों को सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
इस पहल का महत्व
- स्वदेशी बीज उत्पादन: इस पहल के माध्यम से नालंदा आलू बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएगा, जिससे किसानों को बाहर से बीज लाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- बेहतर गुणवत्ता: किसानों को अब गुणवत्तापूर्ण बीज मिलेगा, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और बेहतर उपज मिलेगी।
- आर्थिक सुधार: स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन से न केवल जिले की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- कम खर्च: पहले किसानों को बीज के लिए पंजाब जाना पड़ता था, अब नालंदा में ही बीज उपलब्ध होगा, जिससे किसानों का समय और धन दोनों की बचत होगी।
बीज उत्पादन की प्रक्रिया
आलू बीज उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है, जो कई चरणों में पूरी होती है:
- न्यूक्लियर बीज: यह बीज वैज्ञानिकों द्वारा लैब में तैयार किया जाता है।
- प्रजनक बीज: न्यूक्लियर बीज से प्रजनक बीज तैयार होता है।
- आधार बीज: प्रजनक बीज की खेती करके आधार बीज तैयार किया जाता है, जिसे आगे प्रमाणित बीज में बदला जाता है।
- प्रमाणित बीज: अंत में आधार बीज से प्रमाणित बीज तैयार होता है, जिसे किसानों को वितरण किया जाता है।
किसानों को क्या लाभ होगा?
आलू की खेती करने वाले किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पहले उन्हें बीज के लिए पंजाब पर निर्भर रहना पड़ता था, जो न केवल खर्चीला था, बल्कि समय की भी बर्बादी होती थी। अब नालंदा में ही बीज उपलब्ध होने से समय और धन दोनों की बचत होगी और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
अधिकारियों की योजना
जिला उद्यान पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि राजगीर और अस्थावां के बीज प्रक्षेत्रों में जल्द ही बीज उत्पादन शुरू किया जाएगा। इन नर्सरियों को बेहतर संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।