नालंदा जिले में आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 हेतु सेक्टर पदाधिकारियों का व्यापक प्रशिक्षण आयोजित

बिहार शरीफ (नालंदा) : भारत निर्वाचन आयोग एवं निर्वाचन विभाग, बिहार के निदेशानुसार आज दिनांक 20 सितंबर 2025 को कुंदन कुमार, जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी, नालंदा की अध्यक्षता में आगामी बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 के मद्देनजर नालंदा जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों 171-अस्थावाँ, 172-बिहारशरीफ, 173-राजगीर, 174-इस्लामपुर, 175-हिलसा, 176-नालंदा और 177-हरनौत के सेक्टर पदाधिकारियों का प्रशिक्षण टाउन हॉल, बिहारशरीफ में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से सेक्टर पदाधिकारियों को स्वच्छ, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में मतदान संपन्न कराने से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने कर्तव्यों और दायित्वों का समय पर निर्वहन सुनिश्चित करेंगे।
नजरी नक्शा के अनुसार सभी मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। सभी मतदान केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं और पहुंच मार्ग की स्थिति का आकलन और सूचना देना सुनिश्चित किया जाएगा। निर्वाचन कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कमजोर वर्गों और असहाय व्यक्तियों को भयमुक्त होकर मतदान करने का अवसर मिलना चाहिए और डराने-धमकाने वाले तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।प्रशिक्षण के दौरान भेद्यता मैपिंग की प्रक्रिया पर विशेष जानकारी दी गई, जिसके अंतर्गत ऐसे मतदाताओं या समुदायों की पहचान करना है जो भय, दबाव या अनुचित प्रभाव के कारण स्वतंत्र रूप से मतदान नहीं कर सकते।

भेद्य मतदाता वर्गों और भेद्यता उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों की पहचान करना, सतत भ्रमण कर भेद्य क्षेत्रों और परिवारों की सूची तैयार करना, स्थानीय समुदायों से संवाद स्थापित कर सूचना एकत्रित करना और संबंधित थाना प्रभारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी की सहायता से भेद्यता मैपिंग को अंतिम रूप देना शामिल है। सेक्टर पदाधिकारी चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें एक या एक से अधिक मतदान केंद्रों का सेक्टर सौंपा जाता है। इनका कार्य मतदान केंद्रों का सत्यापन, मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, मतदाता जागरूकता, भेद्यता मैपिंग, संचार योजना, आदर्श आचार संहिता का अनुपालन और आवश्यकता पड़ने पर ईवीएम बदलवाना है। सत्यापन के दौरान नजरी नक्शा और रूट चार्ट तैयार कर मतदान केंद्रों तक सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा। पेयजल, रैम्प, शौचालय, बिजली, शेड, चाहरदीवारी जैसी सुविधाओं कीi जांच कर प्रतिवेदन जिला को दिया जाएगा।
मतदान केंद्रवार मतदाताओं, पंचायत प्रतिनिधियों आदि का विवरण संकलित कर संचार योजना तैयार की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि में किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का कार्यालय न हो। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन पर नजर रखी जाएगी और संबंधित अधिकारियों को सूचना दी जाएगी। मतदाता जागरूकता हेतु ईवीएम जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, वोटर हेल्पलाइन ऐप और मतदान केंद्रों की जानकारी दी जाएगी। पात्र मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और त्रुटिरहित पंजीकरण सुनिश्चित कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। टेलीफोन और मोबाइल के माध्यम से मतदाताओं और प्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखा जाएगा। प्रत्येक भेद्य मतदाता वाले क्षेत्र के मुख्य व्यक्तियों के नाम और संपर्क नंबर की जानकारी रखी जाएगी। सभी सेक्टर पदाधिकारियों द्वारा संबंधित मतदान केंद्रों का कम्युनिकेशन प्लान बना कर उसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। मतदाता पर्ची का वितरण केवल मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। सभी सेक्टर पदाधिकारी प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन के अतिरिक्त अन्य वाहन का उपयोग नहीं करेंगे, राजनीतिक बैठकों में भाग नहीं लेंगे और किसी राजनीतिक दल से कोई सुविधा नहीं लेंगे। निर्धारित समय पर प्रतिवेदन समर्पित करेंगे, मतदान केंद्र भ्रमण किए बिना रूट चार्ट तैयार नहीं करेंगे, गोपनीय सूचनाएं केवल संबंधित निर्वाचन पदाधिकारियों तक सीमित रखें। प्रशासनिक वाहन पर साइनज स्टिकर का उपयोग करेंगे और वाहन को अकेला नहीं छोड़ेंगे। ईवीएम जमा कराए बिना संग्रहण केंद्र से नहीं जाएंगे।
इस अवसर पर नगर आयुक्त, सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन), जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सभी सेक्टर पदाधिकारी और संबंधित कोषांग पदाधिकारी उपस्थित थे।