बादी गांव में स्व. गुरु सहाय लाल जी की 136वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई

कतरीसराय (नालंदा ) : कतरीसराय प्रखंड के बादी गांव में आज दिनांक 11 अगस्त 2025 को बिहार के महामानव स्व. गुरु सहाय लाल जी की 136वीं जयंती उनके पैतृक गांव में बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता रजनीश कुमार मुन्ना ने की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने गुरु सहाय बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उपस्थित अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिलीप कुमार ने कहा—
“गुरु सहाय बाबू हमारे आदर्श हैं। वे महान शिक्षाविद और दूरदर्शी नेता थे। अंग्रेजी शासनकाल में वे राजस्व एवं विकास मंत्री के पद पर रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा शिक्षा, किसानों और समाज के विकास के लिए कार्य किया। उनके प्रयासों से पूरे बिहार में अनेक विद्यालय स्थापित हुए, जिनमें नालंदा के टेकनारायण उच्च विद्यालय बादी, मध्य विद्यालय कुर्मीचक, मध्य विद्यालय समयागढ़, मध्य विद्यालय कुम्हरा, मध्य विद्यालय सरमेरा, मध्य विद्यालय इस्लामपुर, मध्य विद्यालय कुण्डवापर आदि प्रमुख हैं। कई अन्य जिलों में भी उनके प्रयास से विद्यालय बने।”
उन्होंने आगे बताया कि 1937 में मुख्यमंत्री यूनुस जी के मंत्रिमंडल में गुरु सहाय बाबू राजस्व एवं विकास मंत्री रहे। किसानों और छात्रों के हित में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित किया। आज़ादी के बाद भी श्री बाबू के मंत्रिमंडल में वे किसानों के हक़ की आवाज़ बुलंद करते रहे।
1941 से 1948 तक वे पटना जिला परिषद के चेयरमैन रहे और इस दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क निर्माण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने गांव-गांव में आयुर्वेदिक औषधालय खुलवाए और साइंस कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज तथा आयुर्वेदिक कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में सदस्य के रूप में योगदान दिया। पटना विश्वविद्यालय के सीनेट में भी वे सक्रिय रहे और गरीब मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता व प्रोत्साहन प्रदान करते रहे।
उनके सहयोग से शाहाबाद जिले में त्रिवेणी संघ की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य जमींदारों द्वारा ग्रामीण इलाकों में किए जाने वाले सामाजिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ संगठन बनाकर लोगों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करना था। इसी प्रकार 1931 में हरनौत में कुर्मी महासभा के आयोजन में भी उनकी अग्रणी भूमिका रही।
बिहार में पहली बार जब मुख्यमंत्री यूनुस जी के नेतृत्व में देशी सरकार बनी, तो इस मंत्रिमंडल में गुरु सहाय बाबू को राजस्व एवं विकास मंत्री बनाया गया। अल्पकालीन सरकार के बावजूद उन्होंने किसानों को महत्वपूर्ण अधिकार दिलवाए—जैसे कुआं खुदवाने का अधिकार, खेत पर मेड़ बनाने का अधिकार और अपने खेत से मिट्टी काटने का अधिकार।

दिलीप कुमार ने कहा कि—
“आज न केवल नालंदा, बल्कि पूरे बिहार के किसानों, नौजवानों और छात्रों को गुरु सहाय बाबू को आदर्श मानकर उनकी जयंती एवं पुण्यतिथि गांव-गांव और शहरों में मनानी चाहिए।”
इस अवसर पर जदयू प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना जी ने छात्रों को गुरु सहाय बाबू के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि—
“बच्चे यदि उनके आदर्शों पर चलें तो अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं।”
कार्यक्रम में पिंटू कुमार, बादशाह, प्रिंस पटेल, रणवीर कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार, नितीश कुमार, मनोज कुमार सिंह, कारू कुमार सहित बादी गांव के अनेक अनुयायी उपस्थित थे।