बिहारशरीफ में जुटा हक की लड़ाई का हुजूम – फुटपाथ दुकानदारों का फूटा ग़ुस्सा: “स्मार्ट सिटी नहीं, हमें रोज़गार चाहिए

बिहारशरीफ। कर्पूरी भवन टाउन हॉल में फुटपाथ संघर्ष मोर्चा का प्रथम तथा अतिपिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा का द्वितीय जिला सम्मेलन संयुक्त रूप से आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामदेव चौधरी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. आयशा फातिमा, यासिर इमाम, बलराम दास, सादिक अजहर (राईन), महेंद्र प्रसाद, मुन्ना कुमार सहित कई गणमान्य वक्ताओं ने शिरकत की।
वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2014 में लागू किए गए पथ विक्रेता कानून को आज तक जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू नहीं किया गया है। स्मार्ट सिटी योजना के नाम पर बिहारशरीफ के फुटपाथ दुकानदारों को उनके रोजगार स्थल से हटाया जा रहा है, जबकि वेंडिंग जोन अब तक नहीं बनाए गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि सभी फुटपाथ दुकानदारों को पहचान पत्र और वेंडिंग जोन प्रदान किए जाएं।

सम्मेलन में सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक हिस्सेदारी को लेकर भी जोरदार चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि देश की 80% आबादी अतिपिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों से है, लेकिन इन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। अब यह वर्ग अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष कर रहा है।
इस अवसर पर राजद नेता यासिर इमाम, अधिवक्ता अवधेश पंडित, आशुतोष मौर्य, मुन्ना पासवान, रजनीश पासवान, दिलीप चौहान, एकलव्य बौद्ध, राकेश बौद्ध, उमेश पंडित सहित कई नेताओं ने विचार रखे।
कार्यक्रम के दौरान फुटपाथ संघर्ष मोर्चा की 21 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन भी किया गया। जिसमें रामदेव चौधरी को अध्यक्ष, सादिक अजहर (राईन) को सचिव, महेंद्र प्रसाद को महासचिव और सोना देवी को सह सचिव नियुक्त किया गया।
सम्मेलन के दौरान डॉ. आयशा फातिमा को अंग वस्त्र और माला पहनाकर सुनीता कुमारी द्वारा सम्मानित किया गया।

सम्मेलन की प्रमुख मांगे:
- सभी फुटपाथ दुकानदारों को वेंडिंग जोन और पहचान पत्र दिया जाए।
- प्रधानमंत्री ऋण योजना के लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक की जाए।
- स्मार्ट सिटी योजना के तहत दुकानदारों को जबरन न हटाया जाए।
- कारगिल बस स्टैंड को पुनः स्थापित किया जाए।
- 2014 का पथ विक्रेता कानून पूर्ण रूप से लागू हो।
- कर्पूरी फार्मूले के आधार पर केंद्र में आरक्षण लागू किया जाए।
- संसद और विधानसभा में 40% आरक्षण सुनिश्चित हो।
- मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का पद आरक्षित किया जाए।
- SC/ST एक्ट को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
- हर परिवार को 13 डिसमिल भूमि दी जाए।
- सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन और इंटरव्यू यात्रा मुफ्त हो।
- संविदा कर्मियों की सेवा नियमित की जाए।
- समान शिक्षा प्रणाली लागू की जाए।
- अंबेडकर भवन का निर्माण हो।
- BT एक्ट 1949 को रद्द किया जाए।
- वक्फ कानून और मतदाता सूची निरीक्षण कार्य वापस लिया जाए।
- सभी को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाए।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए और अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। अंत में कार्यक्रम संयोजकों ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का आभार प्रकट किया।