सिस्टम फेल, पप्पू यादव पास!” — सूदखोरों की प्रताड़ना से उजड़े परिवार को सांसद ने दी नई उम्मीद, एक मासूम, एक दादी और एक उम्मीद का नाम – पप्पू यादव

बिंद (नालंदा) : पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज नालंदा जिले के बिंद थाना क्षेत्र के वरहोग गांव पहुंचकर उस पीड़ित परिवार से मुलाकात की, जिसने सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठाया था। मृतक धर्मेंद्र महतो ने बीते दिनों पावापुरी में अपने परिवार के 5 सदस्यों के साथ जीवन समाप्त कर लिया था। अब परिवार में सिर्फ एक मासूम बच्चा और उसकी वृद्ध दादी ही बचे हैं।
पप्पू यादव ने इस दर्दनाक घटना को “सिस्टम की विफलता और सूदखोरों की क्रूरता” करार देते हुए मौके पर ही पीड़ित परिवार को ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्होंने वृद्ध दादी को ₹10,000 नकद सौंपा और यह ऐलान किया कि सरकारी मदद मिलने तक हर महीने ₹2,500 की आर्थिक सहायता वे व्यक्तिगत रूप से देते रहेंगे।

सांसद ने यह भी घोषणा की कि मासूम बच्चे की शिक्षा और पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी वे स्वयं उठाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक व्यवस्था जनित अपराध है, जिसमें नालंदा प्रशासन की नाकामी साफ झलकती है।
मासूम बच्चे ने बताया कि सूदखोर लगातार घर आकर गाली-गलौज करता था और उसकी बहन को अगवा करने की धमकी देता था। इस पर पप्पू यादव ने कहा कि “अब चुप बैठने का समय नहीं है, प्रशासन को ऐसे दरिंदों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार के मासूम बच्चे को 10 लाख रुपये मुआवजा और संरक्षित परवरिश की व्यवस्था की भी मांग की।
पप्पू यादव ने कहा कि “अगर बैंक गरीबों को कर्ज नहीं देंगे, तो लोग मजबूरी में सूदखोरों से पैसा लेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके पूरे परिवार को मरने के लिए मजबूर किया जाए। यह एक सामाजिक अपराध है और सरकार को तत्काल ठोस नीति बनाकर कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस मौके पर युवा नेता राजू दानवीर, मनीष यादव, प्रमोद यादव, गुलशन कुमार, अजीत कुशवाहा, अखिलेश चंद्रवंशी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और नेता उपस्थित रहे।
