ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनरों को मिला प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण, विशेषज्ञों ने दी स्वास्थ्य संबंधी अहम जानकारी

बिहारशरीफ (नालंदा) : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनरों (आरएमपी) के लिए एक दिवसीय प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण संघ कार्यालय, भराव पर आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. विपिन कुमार सिन्हा ने की।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नालंदा के अलावा नवादा जिले के सैकड़ों आरएमपी ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य आरएमपी को नवीनतम चिकित्सा जानकारी और व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक सक्षम बनाना था, ताकि वे गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बना सकें।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन कुमार वर्मा ने प्रशिक्षण सत्र के दौरान कहा कि नवजात शिशु की जन्म के समय से ही विशेष देखभाल जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों को समय-समय पर सभी अनिवार्य टीके लगवाने चाहिए और दवा देने से पूर्व उनका वजन जरूर जांचना चाहिए। बिना विशेषज्ञ की सलाह के दवा देने से बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि नवजात के लिए मां का दूध अमृत समान होता है।
वहीं, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि रंजन ने हृदय से जुड़ी बीमारियों की जानकारी देते हुए कहा कि 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को हर दो महीने में ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को सीढ़ी चढ़ने या अधिक चलने से थकावट महसूस हो तो तुरंत ECG जांच कराएं और कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लें। फास्ट फूड, तला हुआ और नमकीन खाद्य पदार्थों से परहेज की सलाह दी गई। साथ ही, सुबह मॉर्निंग वॉक और रात का खाना हल्का एवं 7 से 8 बजे के बीच लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. विपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि आरएमपी गांवों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। जब भी कोई गरीब मरीज बीमार होता है, तो सबसे पहले वह आरएमपी के पास ही पहुंचता है। इसलिए आरएमपी को समय-समय पर प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की पहल पर एनआईओएस के माध्यम से 40,000 आरएमपी को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिन्हें जल्द ही स्वास्थ्य सेवा में बहाल किया जाएगा।

इस मौके पर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज नालंदा के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार अकेला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आरएमपी की सेवाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और अगर यह सेवा बंद हो जाए, तो हालात विकराल हो सकते हैं। अतः ऐसे स्वास्थ्य सेवकों को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम में संघ के सचिव डॉ. संजय कुमार, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. शशि भूषण प्रसाद, डॉ. देवेंद्र कुमार, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. भोला प्रसाद, डॉ. निसार अहमद, सुनीता सिंह, सीमा कुमारी सहित सैकड़ों आरएमपी उपस्थित थे।
यह प्रशिक्षण न केवल आरएमपी के लिए ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास भी साबित हुआ।