बिहार शरीफ के हर घर में पहुंचेगा गंगाजल: गंगा जलापूर्ति योजना का दूसरा चरण शुरू, मधुवन में तिगुना बड़ा जलाशय बनेगा

नालंदा(बिहार) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी गंगा जलापूर्ति योजना अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रही है। इस योजना के तहत नवादा जिले के मधुवन और मोतनाजे गांव में नया जलाशय निर्माण किया जाएगा, जो वर्तमान घोड़ाकटोरा जलाशय से तिगुना बड़ा होगा। इससे न केवल गया, राजगीर और नवादा में 24 घंटे गंगाजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि बिहारशरीफ के हर घर तक भी पवित्र गंगाजल पहुंचेगा।
फेज-2 के अंतर्गत मधुवन और मोतनाजे में 456.724 एकड़ से अधिक भूमि पर जलाशय निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जबकि घोड़ाकटोरा जलाशय की क्षमता 9.8 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) है, नया जलाशय 27 एमसीएम की विशाल क्षमता वाला होगा। यह एक एमसीएम सौ करोड़ लीटर पानी के बराबर है।
जलाशय के साथ व्यापक पाइपलाइन नेटवर्क भी बिछाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें सरकारी जमीन के साथ वन विभाग के पहाड़ी हिस्सों को भी शामिल किया जा रहा है।
यह परियोजना ‘गंगाजी राजगृह प्रोजेक्ट’ के नाम से जानी जाती है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। भारत सरकार के केंद्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड ने इसे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। पहले भी 2022 में बिहार सरकार द्वारा इस योजना को सम्मानित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 नवंबर 2022 को इस परियोजना का औपचारिक उद्घाटन किया था। पहले चरण में घोड़ाकटोरा जलाशय से 15 जुलाई 2022 को पानी पहुंचना शुरू हुआ। 22 जुलाई को राजगीर, 8 अक्टूबर को गया, और 1 नवंबर को तेतर में जलापूर्ति आरंभ हुई थी। नवादा में 15 दिसंबर से जलापूर्ति शुरू हुई।
जल संसाधन विभाग के एसडीओ अभिमन्यु कुमार ने बताया कि भूमि अधिग्रहण पूरी होने के बाद डेढ़ से दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा किया जाएगा। इसके पूरा होने पर बिहारशरीफ और नवादा के शेष हिस्सों में भी गंगाजल की आपूर्ति नियमित हो जाएगी।
पुनर्वास योजना के तहत मधुवन और मोतनाजे गांव के लगभग 800-900 लोगों को खुटिका और भलुआ में पुनर्वासित किया जाएगा। गांव के निवासी उपेंद्र यादव ने कहा कि यदि सरकार उचित मुआवजा दे तो वे पुनर्वास के लिए तैयार हैं।
इस परियोजना के तहत हाथीदह से घोड़ाकटोरा जलाशय तक 92 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है, जिसमें 16,728 पाइप शामिल हैं। मोतनाजे स्थित डिटेंशन टैंक में पानी शुद्ध करके राजगीर और नवादा को सप्लाई किया जाता है।
गंगा जलापूर्ति योजना के सफल कार्यान्वयन से बिहार के दक्षिणी जिलों में जल संकट का दीर्घकालिक समाधान होगा। हाल ही में मलमास मेला और गया के पितृपक्ष मेले में भी गंगाजल की निरंतर आपूर्ति से श्रद्धालुओं को राहत मिली।