बिहार खेल विश्वविद्यालय का पहला प्रोस्पेक्टस जारी: जुलाई से दो नए पाठ्यक्रम शुरू, कुल 40 सीटें उपलब्ध

राजगीर (नालंद) : बिहार खेल विश्वविद्यालय में मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण था, जब कुलपति डॉ. शिशिर सिन्हा ने विश्वविद्यालय का पहला प्रोस्पेक्टस (विवरणिका) 2025-26 का विधिवत लोकार्पण किया। यह राज्य में खेल शिक्षा के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, कुलसचिव रजनी कांत, परीक्षा नियंत्रक-सह-डीन निशिकांत तिवारी, वित्त पदाधिकारी मुकेश सम्राट सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे। प्रोस्पेक्टस में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रमों, प्रवेश प्रक्रिया, खेल प्रशिक्षण कार्यक्रमों और छात्र सुविधाओं का विस्तार से विवरण दिया गया है।
जुलाई 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में विश्वविद्यालय दो पाठ्यक्रम संचालित करेगा — स्नातकोत्तर डिप्लोमा इन एथलेटिक्स और क्रिकेट। दोनों पाठ्यक्रमों में 20-20 सीटें निर्धारित की गई हैं। यह पहल खेल प्रशिक्षण में गुणवत्ता सुधारने की दिशा में अहम कदम है।
प्रवेश के लिए बिहार सरकार की आरक्षण नीति का पालन किया जाएगा। चयन मेरिट सूची के आधार पर होगा, जिसमें अभ्यर्थियों के शैक्षणिक अंकों के साथ-साथ खेल उपलब्धियों को भी महत्व दिया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया 28 मई से 15 जून तक चलेगी। इसके बाद 10 और 11 जुलाई को शारीरिक फिटनेस परीक्षण आयोजित होगा। परिणाम 17 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।
चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल फिटनेस जांच 24 जुलाई को होगी। नामांकन और शुल्क भुगतान 26 और 27 जुलाई को संपन्न होगा। 28 जुलाई से विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम के साथ कक्षाएं शुरू होंगी।
बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्देश्य खेल शिक्षा को बढ़ावा देना और युवाओं को खेल के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने योग्य प्रतिभा विकसित करना है। इस पहल से बिहार में खेल शिक्षा का नया युग शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।